स्वामी प्रसाद मौर्या बायोग्राफी

स्वामी प्रसाद मौर्य का नाम उत्तर प्रदेश के कद्दावर नेताओं में शुमार किया जाता है।पिछड़े वर्ग से सम्बन्ध रखने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य swami prasad maurya जी पाँच बार उत्तर प्रदेश विधानसभा के सदस्य निर्वाचित हो चुके हैं।पूर्वांचल के अंतर्गत आने वाले प्रतापगढ़ जिले के  कला गांव  मैं 2 जनवरी 1954 दिन शनिवार को हुआ था।स्वामी प्रसाद मौर्य की जाति मुराव मौर्य है स्वामी प्रसाद मौर्य फाजिलनगर का प्रतिनिधित्व विधायक के रुप में कई सालों तक करते रहे हैं। स्वामी प्रसाद मौर्य जी वर्तमान समय में समाजवादी पार्टी के एमएलसी हैं अभी कुछ दिनों पहले स्वामी जी ने रामचरितमानस के कुछ पंक्तियों पर विरोध जताते हुए इसे दलित पिछड़ा नारी विरोधी ग्रंथ तक कह दिया था। यदि आप भी पिछड़ा वर्ग के ताकतवर नेता स्वामी प्रसाद मौर्य बायोग्राफी को पढ़ना चाहते हैं तो कृपया पोस्ट पर बने रहें।

स्वामी प्रसाद मौर्य कैबिनेट मंत्री के रूप में भाजपा सरकार के पिछले कार्यकाल 2017 से 2022 तक एवं मायावती के मुख्यमंत्रित्व वाली सरकार में भी मंत्री पद को शुशोभित कर चुके हैं।मौर्या जी किसी जमाने मे बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष सु श्री मायवती जी के सबसे क़रीबी नेताओं में से एक थे।बहुजन समाज पार्टी की ओर से आप नेता सदन और नेता विपक्ष के पद पर भी रह चुके हैं।यदि आपके मन मे स्वामी प्रसाद के सम्बंध में जानने के लिए उत्सुक हैं, और मौर्य जी के तमाम अनछुए पहलुओं जैसे स्वामी प्रसाद मौर्या कहाँ के रहने वाले हैं?,स्वामी प्रसाद मौर्य का जन्म कब हुआ?,स्वामि प्रसाद मौर्य के कितने बच्चे हैं?,स्वामी प्रसाद मौर्य की बेटी का नाम क्या है,औऱ स्वामी प्रसाद मौर्य की संपत्ति

स्वामी प्रसाद मौर्या बायोग्राफी

स्वामी प्रसाद मौर्य का जीवन परिचय -स्वामी प्रसाद मौर्य की जीवनी को और आधी सूक्ष्मता से जानने के लिए सबसे पहले मौर्या नई के परिवार को जानना बहुत ही जरूरी है।हिंदी भाषी प्रदेशों में इस समय पिछड़ा वर्ग और दलित वर्ग के लोगो मे स्वामी जी की लोकप्रियता सिर चढ़कर बोल रही है।इस समय हर पढ़ा लिखा पिछड़े व दलित वर्ग के लोग स्वामी प्रसाद मौर्य के विषय में ज्यादा से ज्यादा जनकारी इंटरनेट के माध्यम से जुटाना कहते हैं।ऐसे सभी लोग जानना चाहते हैं कि

स्वामी प्रसाद मौर्य का राजनैतिक सफर,प्रारम्भिक जीवन

प्रतापगढ़ के चकवड गाँव मे जन्म लेने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य के पिता का नाम बदलू मौर्य तथा माता का नाम जगन्नाथी मौर्य है।स्वामी प्रसाद मौर्य की शिक्षा की अगर बात की जाय तो मौर्य जी ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा अपने पैतृक गांव व जिले से प्राप्त की थी।उसमें बाद अपनी आगे की पढ़ाई के लिए प्रतापगढ़ के पड़ोसी जिला इलाहाबाद में इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में दाखिला ले लिया,जहाँ से आपने एम ए और एल एल बी की डिग्री प्राप्त की।इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में अपनी पढ़ाई के दौरान ही स्वामी प्रसाद मौर्य बहुजन समाज पार्टी के संस्थापक रहे माननिये श्री काशी राम  जी के सम्पर्क में आ गए थे।काशी राम जी की प्रेरणा से आपने गाँव गरीब दलित व पिछड़े वर्गों के हक की लड़ाई को लड़ना शुर कर दिया था।1980 में स्वामी प्रसाद मौर्य जी ने सक्रिय राजनीति में कदम रखते हुए राष्ट्रीय लोकदल की सदस्यता ग्रहण कर ली थी।

1980 में ही आपको चौधरी चरण सिंह के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय लोकदल पार्टी ने युवा लोकदल संयोजक इलाहाबाद के पद पर आसींद किया था स्वामी प्रसाद मौर्य ने 1981 से सन 1989 तक लोक दल के महामंत्री के पद पर भी आसींद रह चुके हैं लोकदल के बाद स्वामी प्रसाद मौर्य ने जनता दल में शामिल होकर काफी समय तक काम किया जनता दल और लोक दल के समर्थन से आपने चुनाव गिलड़ा सन 1991 में जनता दल के टिकट पर स्वामी प्रसाद मौर्य जी पहली बार विधायक बने थे 1996 में बहुजन समाज पार्टी की सदस्यता ग्रहण की और बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर डलमऊ विधानसभा सीट से विधायकी का चुनाव लड़ा और बड़े अंतर से जीत दर्ज की उसके बाद पुनः 2002 में स्वामी प्रसाद मौर्य जी ने डलमऊ विधानसभा सीट से विधायकी के चुनाव में जीत हासिल की। अगले विधानसभा चुनाव 2007 में मौर्या जी डलमऊ विधानसभा से चुनाव लड़े लेकिन किसी वजह से चुनाव जीत नही सके और हैट्रिक लगाने से चूक गए।अपनी योग्यता के कारण मौर्य जी को बसपा सुप्रीमो मायावती जी ने अपनी सरकार में कैबिनेट मंत्री का दर्जा प्रदान किया।

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अखिलेश यादव बायोग्राफी

2009 में कुसी नगर की पडरौना विधानसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव में आपने अपनी दावेदारी पेश की और बड़ी जीत दर्ज की।2012 में उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनावों में बहुजन समाज पार्टी को मुलायम सिंह यादव के नेतृत्व वाली समाजवादी पार्टी ने बुरी तरह से पराजित करके बहुमत की सरकार का गठन किया जिसके मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव बनें।शुश्री मायावती के करीबी होने के कारण आपको विधानसभा में नेता विपक्ष चुना गया।2016 आते आते आपने बसपा को अलविदा कह दिया।

जुलाई 2016 में मौर्य जी ने लखनऊ के रमाबाई अम्बेडकर मैदान में एक बड़ी जनसभा करके बहुजन लोकतांत्रिक मंच की स्थापना करने का ऐलान किया था।उत्तर प्रदेश में 2017 के आम विधानसभा चुनाव में मौर्य ने भाजपा के उम्मीदवार के रूप में पडरौना से चुनाव लड़ा और भारी मतों से जीत दर्ज की। 2017 के विधानसभा चुनाव में भारी बहुमत से जीत कर आने वाली भारतीय जनता पार्टी ने जब अपनी सरकार का गठन किया तो मौर्य की लोकप्रियता , अनुभव और कद को देखते हुए अपने कैबिनेट में स्थान प्रदान किया। आपने भाजपा सरकार में श्रम एवं रोजगार समन्वय मंत्री का कार्यभार संभाला।

काशीराम के मिशनरी कार्यक्रम से जुड़े रहने वाले मौर्य जी भाजपा में खुद को समायोजित करने में सफल नहीं हो पाए। इसीलिए 21 जनवरी 2022 को उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया तथा भारतीय जनता पार्टी पर सभी वर्गों का उत्पीड़न करने का भारी आरोप लगाते हुए समाजवादी पार्टी की सदस्यता को ग्रहण कर लिया। सन 2022 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी से मौर्य जी पडरौना से चुनाव लड़े लेकिन दुर्भाग्यवश इस बार पडरौना की जनता ने मौर्य जी के माथे पर विजय का तिलक नहीं लगाया। जिसके कारण उन्हें चुनाव में बड़ी हार का मुंह देखना पड़ा। इस हार के संबंध में कहा जाता है कि मौर्य जी के द्वारा थोड़े-थोड़े समय पर पार्टियां बदलते रहने के कारण बहुजन जनता का विश्वास उनके ऊपर से हट गया है।

भला हो समाजवादी पार्टी के मुखिया माननिये अखिलेश यादव जी का जिन्होंने चुनाव हारने वाले मौर्य जी को पिछले दरवाजे से विधान परिषद का सदस्य बनवाया तथा समाजवादी पार्टी के महासचिव का पद देकर मौर्य जी के बहुजन राजनीति को जीवित रखा।

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