पक्ष के पहाड़ थे मुलायम,
अपने विचार व संबंधों के लिए अडिग रहे
,गजब का उत्साह और जोश भरने वाले करिश्माई नेता थे। विपरीत परिस्थितियों में भी संघर्ष करने का उनका अथक और कठिन परिश्रम ही उन्हें भारत की राजनीति मे एक मजबूत धर्मनिरपेक्ष सामाजिक न्याय का पक्षधर गरीब गुरबा दलित पिछड़े अकलियत और वंचित के हित में काम करने वाला साहसी नेता के तौर पर स्थापित किया। 1967 से अब तक वह सदन में हमेशा धड़कते हुए नजर आते रहे हैं मुलायम सिंह यादव 1990 के दशक में कमंडल आंदोलन के प्रमुख नेता रहे हैं नेता जी ने अपने राजनीतिक जीवन में कभी भी अपने राजनैतिक वसूल लोगों से से हटकर कभी भी काम नहीं किया एक तरह से देखा जाए तो उत्तर प्रदेश में मुलायम सिंह जी के मुख्यमंत्री बनने के बाद राज्य के पिछड़े वर्गों को उनके अधिकार मिल पाए हैं।
नेताजी को राजनीति में कड़े व अडिग फैसले लेने वाले नेता के रूप में जाना जाता है।उत्तर प्रदेश के अलावा पूरे देश भर में मुलायम सिंह यादव जी ने समाजवाद की एक नई परिभाषा कायम की थी। लोगों को जोड़ने भाईचारा बढ़ाने में आज के समय में उनके आगे कोई नेता दिखाई नहीं पड़ता है। यही वजह है कि मुलायम सिंह यादव उत्तर प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री के रूप में तीन तीन बार शपथ ले चुके हैं। चौथी बार भी जनता ने मुलायम सिंह यादव को 2012 में बहुमत दिया था। किंतु माननीय नेता जी ने अपनी बढ़ती उम्र के कारण अपने पुत्र अखिलेश यादव को मुख्यमंत्री का पद सौंप दिया था।

मुलायम सिंह यादव की जीवनी
वर्तमान में सांसद एवं समाजवादी पार्टी के संस्थापक का जन्म 22 नवंबर 1939 को मुलायम सिंह यादव इटावा के सैफई गांव में एक किसान परिवार में सुघर सिंह के घर पर हुआ था। यह अपने पांच भाई बहनों में दूसरे नंबर पर थे। यह बचपन से ही पढ़ाई में बहुत रुचि रखते थे।अपनी पढ़ाई को पूरा करने के बाद मुलायम सिंह जी ने कुछ दिनों तक शिक्षक के रूप में भी कार्य किया था। लेकिन मुलायम सिंह यादव के पिता सुघर सिंह इन्हें एक पहलवान बनाना चाहते थे। लेकिन मुलायम सिंह यादव के गुरु नत्थू सिंह ने उन्हें राजनीति में उतरने के लिए प्रेरित किया।
Mulayam singh yadav मुलायम सिंह यादव की शिक्षा
मुलायम सिंह यादव जी ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा अपने ग्रह क्षेत्र सैफई में प्राप्त की थी।माननीय नेता जी ने b.a. राजनीतिक शास्त्र की डिग्री इटावा से प्राप्त की थी। इसके बाद इन्होंने आगरा विश्वविद्यालय में दाखिला ले लिया और वहीं से m.a. राजनीतिक शास्त्र की शिक्षा प्राप्त की। यूनिवर्सिटी में पढ़ाई के दौरान ही नेताजी कॉलेज की राजनीति में सक्रिय रहते थे।इसीलिए मुलायम सिंह यादव उत्तर प्रदेश सरकार मैं मुख्यमंत्री रहते हुए छात्र संघ चुनाव को कराने का आदेश पारित किया और युवाओं को राजनीति में आगे आने का मौका प्रदान किया।
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मुलायम सिंह यादव का पूरा परिवार:मुलायम सिंह यादव का पारिवारिक जीवन
मुलायम सिंह यादव के पांच भाई बहन थे। इनके बड़े भाई का नाम रतन सिंह एवं छोटे भाइयों के नाम अभय राम, राजपाल एवं शिवपाल सिंह है।इनकी बहन का नाम कमला देवी है। महज 18 वर्ष की आयु में पिता सुघर सिंह ने मुलायम सिंह जी का विवाह मालती देवी से करा दिया था।मुलायम सिंह यादव मालती देवी से1975 में अखिलेश यादव का जन्म हुआ था। 2003 में मालती देवी के स्वर्गलोक चले जाने के बाद माननीय नेता जी ने उसी वर्ष 2003 में ही साधना गुप्ता (जोकि समाजवादी पार्टी की ही एक कार्यकर्ता थी और तलाकशुदा भी थी इसके अलावा इनके पास पहले पति से एक बच्चा प्रतीक यादव भी था) से विवाह कर लिया। जिसको लेकर शुरू में बहुत सी बातें हुई लेकिन वो सब धीरे-धीरे शांत हो गई।अभी इसी वर्ष 2022 में साधना गुप्ता मुलायम सिंह यादव की पत्नी का निधन हो गया था।
मुलायम सिंह यादव का राजनैतिक जीवन
मुलायम सिंह यादव जी अपनी पढ़ाई को खत्म करके शिक्षक के रूप में कार्य कर रहे थे। इसके अलावा उन्हें पहलवानी के गुण भी पता थे इसीलिए वह शिक्षण कार्य के अलावा पहलवानी भी किया करते थे। पहलवानी में इनके एक गुरु थे जिनका नाम नत्थू राम सिंह था इन्हीं से प्रभावित होकर Mulayam singh yadav ने 960 में अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की थी। 1967 के विधानसभा चुनाव में जसवंत नगर विधानसभा सीट से आपने चुनाव लड़ा और जीत भी लिया। उसके बाद से नेता जी 1996 तक लगातार आठ बार विधायक बनते रहे और सदन में गरीब मजदूरों बेसहारों अल्पसंख्यकों की आवाज को बुलंद करते रहे।
मुलायम सिंह यादव जेल – सन 1975 में जब इंदिरा गांधी ने देश में आपातकाल को लागू कर दिया था।उस समय मुलायम सिंह यादव जी को भी गिरफ्तार करके 19 महीनों तक जेल के अंदर रखा गया था। जेल में रहने की इस पीड़ा को माननीय नेता जी ने बहुत ही अच्छी तरीके से महसूस किया। इसीलिए जब नेताजी की सरकार उत्तर प्रदेश में बनी तो उन्होंने आपातकाल के दौरान गिरफ्तार किए गए लोगों को लोकतंत्र सेनानी घोषित करते हुए सभी लोकतंत्र सेनानियों की पेंशन बनाने का काम किया था।नेताजी जी 1977 में राज्यमंत्री एवं 1980 में लोकदल के अध्यक्ष बने। बाद में इसी लोकदल को जनता दल में विलय कर दिया गया।
सन 1987 के आते-आते मुलायम सिंह जी की वी पी सिंह से खूब जमने लगी थी। वी पी सिंह की मदद से माननीय मुलायम सिंह यादव जी ने संयुक्त मोर्चा का गठन किया था। 1989 में वीपी सिंह की सहायता से ही मुलायम सिंह यादव उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में पहली बार शपथ ग्रहण किया था।1989 में मुख्यमंत्री बनने के बाद मुलायम सिंह यादव जी ने पीसीएस परीक्षाओं में चल रही अंग्रेजी की अनिवार्यता को खत्म करके गांव देहात के हिंदी भाषी युवाओं को पीसीएस में आने का मौका प्रदान किया था। जोकि गांवों को भारत मुख्यधारा में लाने का एक बेहतरीन प्रयास था। उनके इसी प्रयासों से आज प्रशासन की अहम कुर्सियों पर गांव गरीब के लड़के भी अधिकारी बने हुए दिखाई पड़ते हैं। 1996 में कांग्रेस सरकार में नेताजी को देश का रक्षा मंत्री बनाया गया। उन्होंने रक्षा मंत्री रहते हुए सैनिक हितों के लिए बहुत से सैनिक कानूनों को पास करवाने का काम किया था।
सन 1992 में लोकदल के अंदर विभाजन हो जाने के बाद नेता जी ने समाजवादी पार्टी की स्थापना की और 1992 में ही माननीय श्री काशीराम जी एवं मायावती की मदद से एक बार पुनः मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण की। 2012 के विधानसभा चुनाव में प्रदेश की जनता ने एक बार फिर से मुलायम सिंह पर अपना भरपूर विश्वास जताते हुए समाजवादी पार्टी को भारी विजय श्री दिलाई। लेकिन अपनी बढ़ती उम्र को देखते हुए नेता जी ने पार्टी का दायित्व अपने बेटे अखिलेश यादव को सौंप कर उन्हें मुख्यमंत्री बना दिया।
अयोध्या मुलायम सिंह यादव
मुलायम सिंह यादव राम मंदिर– समय 1992 का है जब अयोध्या में बाबरी मस्जिद को लेकर विवाद चल रहा था। बाबरी मस्जिद को गिराने के लिए पूरे देश भर से कारसेवकों की भारी भीड़ अयोध्या में इकट्ठा हो गई थी जिनकी मंशा असंवैधानिक रूप से बाबरी मस्जिद को गिराने की थी। वर्तमान समय में उत्तर प्रदेश में भाजपा की सरकार थी जिस के मुख्यमंत्री के रूप में कल्याण सिंह कार्य कर रहे थे। कल्याण सिंह भी बाबरी मस्जिद को गिराने के पक्ष में थे। इसीलिए उत्तर प्रदेश की पुलिस एजेंसियां खामोशी से इस असंवैधानिक कार्य को परवान चढ़ते हुए मूकदर्शक बने हुए सिर्फ देख रहे थे। किसी भी प्रकार की कार्यवाही करने के आदेश उनको शासन स्तर से नहीं मिल रहे थे।
उसी समय माननीय नेता श्री मुलायम सिंह यादव जी केंद्र में रक्षा मंत्री थे।देश की सुरक्षा एजेंसियों से उनको बाबरी मस्जिद के गिराए जाने का जब संदेश मिला तो उन्होंने अपने राजनीतिक नुकसान को परे रखते हुए इस असंवैधानिक कार्य को रोकने के लिए केंद्रीय बल को निर्देशित किया। 1992 को जब कारसेवकों ने बाबरी मस्जिद के गुंबद को गिरा दिया तो मुलायम सिंह यादव ने संविधान को बचाने के लिए केंद्रीय बल को गोली चलाने का आदेश दिया। जिस पर अमल करते हुए केंद्रीय बल ने कारसेवकों पर गोली चला दिया। इसीलिए आज भी जब अयोध्या एवं राम मंदिर का जिक्र होता है तो मुलायम सिंह यादव जी को कारसेवकों पर गोली चलवाने के लिए जिम्मेदार माना जाता है।
Mulayam singh yadav मुलायम सिंह यादव के कारसेवकों पर गोली चलाने के इस आदेश से नेताजी का राजनैतिक जीवन समाप्त भी हो सकता था। लेकिन संविधान को बचाने एवं देश में एकता और अखंडता को बचाए रखने के लिए नेता जी ने इसकी परवाह नहीं की। आर एस एस आज भी नेताजी को कारसेवकों का कत्ल करने वालों में शुमार करती रहती है। इससे ज्ञात होता है कि नेताजी प्रशासनिक स्तर पर कड़े फैसले लेने वाले अडिग नेता थे। जिनको अपने सिद्धांत हमेशा याद रहते थे।
मुलायम सिंह यादव समाजवाद
मुलायम सिंह यादव अपनी युवावस्था में समाजवादी विचारधारा के मुख्य नेताओं डॉ राम मनोहर लोहिया, जयप्रकाश नारायण, करपुरी ठाकुर के समाजवाद की विचारधारा से अत्यधिक प्रभावित होकर समाजवादी विचारधारा को आत्मसात करके उसे और आगे बढ़ाने का बेहतरीन काम किया।क्योंकि उन्हें लगता था कि देश एवं प्रदेश की उन्नति समाजवाद के विचारधारा पर चलकर ही की जा सकती है। इसीलिए उन्होंने अपने समय के समाजवादी विचारधारा को मानने वाले अन्य नेताओं जैसे कि चौधरी चरण सिंह, चौधरी अजीत सिंह, जनेश्वर मिश्रा, लालू प्रसाद यादव, नीतीश कुमार, जॉर्ज फर्नांडीज,मृणाल गोरे,रामसेवक यादव, किशन पटनायक आदि के साथ मिलकर समाजवाद के हित में काम करना शुरू कर दिया।
सन 1992 को समाजवादी विचारधारा को और धार देने के लिए माननीय नेता जी ने अपनी नई राजनैतिक पार्टी का गठन किया। और उसका नाम समाजवादी पार्टी रखा, समाजवादी पार्टी के मुखिया के रूप में मुलायम सिंह यादव उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री तीन बार बने थे। मुलायम सिंह यादव उत्तर प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री रहते हुए समाजवादी विचारधारा को जीवित रखने के लिए इस विचारधारा के मुख्य नेताओं डॉ राम मनोहर लोहिया एवं जनेश्वर मिश्र के नाम पर शासन की कई जनहित की योजनाओं को लागू किया। एवं लखनऊ सहित प्रदेश के अन्य स्थानों पर समाजवादी के इन आइडियल नेताओं के नाम पर सड़कों पार्को एवं आवासीय कालोनियों का निर्माण करवाया।लखनऊ में इनके द्वारा बनवाया गया डॉक्टर राम मनोहर लोहिया पार्क एवं जनेश्वर मिश्र पार्क लखनऊ शहर का मुख्य आकर्षण माना जाता है।
इसीलिए आज भारत में मुलायम सिंह यादव जी को समाजवादी विचारधारा के मुख्य व प्रभावशाली नेताओं में शुमार किया जाता है। और आने वाली कई सदियों तक इनको समाजवादी विचारधारा के अग्रणी नेताओं में इनका नाम लिया जाता रहेगा।
मुलायम सिंह यादव यादव समाज
नेता जी ने तमाम उप जातियों में बटे हुए यादव समाज को एकत्रित करके उन्हें समाज मे शिखर पर बैठाने का काम किया था। उनकी सूझबूझ से यादव समाज के अंदर शिक्षा ग्रहण करने और राजनीतिक क्षेत्र में आगे आने की भावना जागृत हुई थी। आज के वर्तमान समय में पुलिस पीएससी एवं अन्य प्रशासनिक कर्मचारियों के रूप में यादव समाज के लोग यदि दिखाई देते हैं तो यह श्री मुलायम सिंह जी के प्रयासों से ही संभव हो पाया है। इसीलिए यादव समाज के लोग माननीय श्री धरतीपुत्र मुलायम सिंह जी को एवं उनके परिवार को आज भी अपना नेता मानते हैं और मुलायम सिंह की बनाई हुई पार्टी समाजवादी पार्टी के बेस वोटर बने हुए हैं।
मुलायम सिंह यादव पर आरोप
Mulayam singh yadav 2007 में कांग्रेस के शासनकाल में माननीय मुलायम सिंह जी एवं उनके परिवार पर आय से अधिक संपत्ति रखने के लिए सीबीआई जांच बैठा दी गई।सीबीआई द्वारा यह दावा किया गया था कि 1997 से 2007 के बीच में नेताजी एवं उनके पुत्र अखिलेश यादव की आय में अत्यधिक वृद्धि हुई है जोकि संदेह के दायरे में है। किंतु 2019 ने अदालत ने माननीय नेता जी के खिलाफ कोई सबूत ना होने के कारण बाइज्जत बरी कर दिया था। 1992 में कारसेवकों पर गोली चलवाने के लिए तमाम हिंदुत्ववादी संगठन आज भी नेता जी को कसूरवार मानते हैं।
2012 में हुए दिल्ली के बहुचर्चित रेप केस के संबंध में माननीय नेता जी का एक बयान सुर्खियों में आया था। जिसमें उन्होंने कहा था कि “लड़के हैं गलतियां हो जाती हैं” इस बयान की आलोचना पूरे भारत में हुई थी।तमाम नारीवादी संगठनों ने मुलायम सिंह के खिलाफ धरना प्रदर्शन करते हुऐ नेताजी के पुतले को फूंकने का काम किया था।2014 में बदायूं में हुए एक रेप केस में भी माननीय नेता जी ने मीडिया को आड़े हाथों लेते हुए कहा था कि भारत में रोज रेप होते रहते हैं। लेकिन मीडिया वालों को सिर्फ उत्तर प्रदेश ही दिखाई पड़ता है। उनके द्वारा दिए गए इस बयान की आलोचना तत्कालीन संयुक्त राष्ट्र के महासचिव बान की मून ने भी की थी।
मुलायम सिंह यादव की ताजी खबर
मुलायम सिंह यादव की ताजा खबर नेताजी काफी अरसे से अस्वस्थ चल रहे थे इसीलिए अभी-अभी हुए 2022 के विधानसभा चुनाव में नेताजी प्रचार में नजर नहीं आये।पिछले दिनों 2 अक्टूबर 2022 को नेताजी की अचानक तबीयत खराब हो गई।और मुलायम सिंह यादव मेदान्ता हॉस्पिटल में भर्ती हो गए। बीते कई दिनों से उनके स्वास्थ्य में कोई सुधार आता हुआ दिखाई नही पड़ रहा था।10 अक्टूबर 2022 को आज अचानक नेताजी की हृदय गति रुक जाने के कारण मेदान्ता हॉस्पिटल में मुलायम सिंह यादव उम्र 82 साल में स्वर्ग लोक को प्रस्थान कर गए।और अपने पीछे करोड़ों भारतीयों के आंखों में आंसू एवं समाजवादी विचारधारा पर आगे बढ़ते हुए देश की भलाई एवं तरक्की करने की विचारधारा विरासत के रूप में छोड़ गए।
मुलायम सिंह यादव अंतिम संस्कार
मुलायम सिंह यादव का घर मुलायम सिंह यादव का अंतिम संस्कार उनके अपने गांव सैफई के मेला ग्राउंड में किया जाएगा। इसीलिए मुलायम सिंह यादव मेदान्ता से आगरा होते हुए उनको उनके ग्रह गांव सैफई लाया जा रहा है। सैफई में उनके पार्थिव शरीर को 11 अक्टूबर को सुबह 10 बजे तक लोगों के दर्शन हेतु रखा जाएगा।उसके बाद माननीय नेता जी के पार्थिव शरीर को एक रथ पर रखकर प्रदेश एवं देश भर से आए लोगों के दर्शन के लिए नेता जी की अंतिम यात्रा निकाली जाएगी। जो मेला ग्राउंड तक जाएगी मेला ग्राउंड में ही नेताजी का अंतिम संस्कार शाम को 3 बजे किया जाएगा।

मुलायम सिंह यादव के अंतिम दर्शन के लिए लगा वीआईपी तांता
मुलायम सिंह यादव जी चाहे सत्ता में रहे हो या विपक्ष में रहे हो,इन्होंने हमेशा लोगों से अपने संबंधों को बेहतर बनाए रखा। आम जनमानस के साथ-साथ विपक्ष के नेताओं के दुख दर्द में नेताजी हमेशा खड़े रहते थे।इसीलिए पूरे देश एवं प्रदेश भर में नेताजी को चाहने वाले करोड़ों लोग हैं।जो नेताजी के अंतिम दर्शन के लिए सैफई पहुंच रहे हैं।आम लोगों के साथ में पूरे देश भर के तमाम वीआईपी भी नेताजी का अंतिम दर्शन करने के लिए सफाई पहुंच रहे हैं।
जिनमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी, कांग्रेस के राहुल गांधी जी,उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी, पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू, मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ,दिल्ली के वर्तमान मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी,लालू प्रसाद यादव के पुत्र तेजस्वी यादव ,पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, नेताजी के सहयोगी रहे शरद यादव, बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार, एवं केंद्र में मंत्री रहे शरद पवार जी के साथ साथ भारत के विभिन्न स्थानों से वर्तमान मंत्री पूर्व मंत्री पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेताजी की अपनी समाजवादी पार्टी के तमाम नेता विधायक सांसद एवं विपक्ष के तमाम नेता सांसद विधायक माननीय नेता जी के अंतिम संस्कार के लिए सफाई पहुंच रहे हैं। नेताजी का अंतिम संस्कार 11 अक्टूबर को दिन में 3 बजे होने की संभावना है।
मुलायम सिंह यादव को अंतरराष्ट्रीय जूरी पुरस्कार
मुलायम सिंह यादव के द्वारा भारतीय समाज के लोगों के लिए किए गए कार्यों एवं भारत में आपसी भाईचारा को बढ़ाने,भारत सेकुलर व्यवस्था को कायम रखने एवं धार्मिक भेदभाव को खत्म करने के लिए लंदन में माननीय नेता जी को अंतरराष्ट्रीय जूरी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। मुलायम सिंह यादव जी जमीन से जुड़े हुए नेता थे इसीलिए इन्हें धरती पुत्र मुलायम सिंह भी कहा जाता है।
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