लखनऊ भारत गणराज्य के उत्तर प्रदेश राज्य की राजधानी है।ये शहर उत्तर प्रदेश में सबसे बड़ी आबादी वाला जिला भी है इस शहर में बसने वाली आबादी की जनसंख्या 2011 की जनगणना के अनुसार 2815601है। इस ऐतिहासिक शहर का क्षेत्रफल 631 किलोमीटर स्क्वायर है। इस शहर का अपना अलग ही ऐतिहासिक महत्व है पूर्व में यह शहर कौशल प्रांत के अंतर्गत आता था उसके बाद लखनऊ को अवध प्रांत की राजधानी के रूप में सुशोभित किया गया। नवाबों के द्वारा संरक्षित इस ऐतिहासिक शहर को नवाबों का शहर भी कहा जाता है इस शहर में रहने वाले लोगों को दुनिया के सबसे संस्कारी लोगों में से एक माना जाता है। इसीलिए दुनिया इस शहर को तहजीब का शहर भी कहती है।

पिछली कई सदियों से यह शहर अलग-अलग रियासतों राज्यों की राजधानी बनी रही। इसी के उपक्रम में स्वतंत्रता मिलने के बाद भारत में जब उत्तर प्रदेश राज्य का गठन किया गया तब राजधानी के रूप में लखनऊ शहर को कई कसौटी ऊपर परखने के बाद इसे राज्य की राजधानी के रूप में चुन लिया गया। सन 1947 में स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद उत्तर प्रदेश राज की राजधानी बनाए जाने के पर शहर के विकास में मानो पहिए लग गए हों जिसके कारण लखनऊ शहर का विकास दिन दूनी रात चौगुनी की तर्ज पर तत्कालीन सरकारों के द्वारा किया गया।जिसके फलस्वरूप लखनऊ में कई सारे ऐसे मनोरम स्थलों का निर्माण हुआ जो आज लखनऊ शहर के मुख्य पहचान बन गए हैं।
जिनमें से “बाबा भीमराव अंबेडकर,पार्क जनेश्वर मिश्र पार्क, गोमती रिवर फ्रंट, चौधरी चरण सिंह हवाई अड्डा, पूर्व के तत्कालीन मुख्यमंत्री माननीय श्री अखिलेश यादव जी के द्वारा बनवाया गया भारत का सबसे बड़ा अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम जिसे अब अटल स्टेडियम के नाम से जाना जाता है” प्रमुख हैं।
लखनऊ की भौगोलिक स्थिति
लखनऊ शहर उत्तर भारत के मैदानी क्षेत्र में स्थित है जिस की समुद्र तल से ऊंचाई 420 फिट है यह छोटे छोटे नगरों से घिरा हुआ एक महानगर है। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ की सीमा बाराबंकी जिला, रायबरेली, उन्नाव, सीतापुर,हरदोई से लगती है। शहर के बीचो-बीच से गोमती नदी बहती है जो लखनऊ को ट्रांस गोमती एवं सिस गोमती में विभाजित करती है। यहां से देश की राजधानी दिल्ली की दूरी करीब 500 किलोमीटर है।
लखनऊ की जनसंख्या
यहां की जनसंख्या सन 2011 के अनुसार 28 लाख 15601 के करीब थी जो पिछली जनगणना से लगभग 35 परसेंट अधिक थी।यहां पर सभी धर्मों के लोग निवास करते हैं जिनमें से 70 परसेंट लगभग हिंदू धर्म के लोग और 20 परसेंट लगभग मुस्लिम धर्म के मानने वाले तथा 10 परसेंट सिख जैन ईसाई एवं अन्य धर्म के मानने वाले लोग निवास करते हैं।
लखनऊ का इतिहास
लखनऊ का इतिहास बहुत ही गौरवशाली रहा है। हिंदू धर्मावलंबियों के अनुसार यह शहर श्री रामचंद्र जी के समय में कौशल प्रदेश का एक हिस्सा हुआ करता था जिसके राजा श्री राम जी के पूर्वज एवं खुद श्री रामचंद्र जी थे। कुछ इतिहासकारों का मानना है की यहां पर श्री रामचंद्र जी के छोटे भाई लक्ष्मण का जन्म इसी शहर में हुआ था जिसे पहले लखनापुर (लखनऊ का पुराना नाम) या लक्ष्मणपुर के नाम से जाना जाता था।
लेकिन मुस्लिम इतिहासकारों के मत इससे बिल्कुल हटकर के हैं उनका मानना है कि बिजनौर के एक शेख यहां पर रहने के लिए आए उन्होंने वास्तु विद लखना पासी के दिशा निर्देश में एक किले का निर्माण करवाया जिसका नाम लखना किला रखा।बाद में इसी लखना किले का नाम परिवर्तित होते होते लखनऊ हो गया। इसके अलावा कुछ इतिहासकारों का मानना है की लखनऊ का नाम यहां के राजा लाखन पासी के नाम पर पड़ा है जिन्होंने अपनी रानी के लिए लखना वाटिका का निर्माण करवाया था।इसी लखना वाटिका का नाम समय के साथ साथ परिवर्तित होते हुए लखनऊ हो गया।
लखनऊ नामा
लखनऊ दर्शन– सन 1775 में नवाब आसिफ उद दौला ने इस शहर को अवध प्रांत की राजधानी बना कर वर्तमान लखनऊ की बुनियाद रखी थी। पूर्व में नवाबों के द्वारा लखनऊ के तमाम मुख्य स्थानों के नाम रखे गए थे जो आज भी प्रचलित है जैसे अलीगंज, मौलवी गंज,अमीनाबाद,हुसैनगंज, हजरतगंज आदि आदि।बाद में नवाब के वंशज निठल्ले निकल गए तो नवाब के आखिरी वंशज नवाब वाजिद अली से अंग्रेज गवर्नर लार्ड डलहौजी ने लखनऊ सहित पूरे अवध प्रान्त का सन 1850 में बगैर कोई युद्ध लड़े ही अधिग्रहण कर लिया।
अंग्रेजों ने लखनऊ पर कब्जा करने के बाद उसे नॉर्थवेस्ट प्रोविंस में शामिल किया लेकिन 1902 ईसवी में इस शहर को यूनाइटेड प्रोविंस आफ आगरा एंड अवध में शामिल कर दिया।भारत के आजाद होने तक यह शहर यूनाइटेड प्रोविंस यूपी के अंतर्गत आता रहा लेकिन भारत के आजाद हो जाने के बाद 12 जनवरी 1950 को उत्तर प्रदेश राज्य का गठन किया गया और लखनऊ शहर को इस प्रदेश की राजधानी के रूप में मान्यता दी गई। गोविंद बल्लभ पंत इस नए गठित उत्तर प्रदेश राज्य के पहले मुख्यमंत्री बने और 1963 ईस्वी में सुचेता कृपलानी उत्तर प्रदेश यूपी तथा आजाद भारत की पहली मुख्यमंत्री बनी।
लखनऊ क्यों प्रसिद्ध है?/लखनऊ के प्रमुख पर्यटन स्थल
यह शहर भारत के सबसे ज्यादा जनसंख्या वाले राज्य उत्तर प्रदेश की राजधानी होने के कारण हमेशा सुर्खियों में बना रहता है। देश दुनिया के लोगों के मन में हमेशा यह जिज्ञासा बनी रहती है कि लखनऊ क्यों प्रसिद्ध है? आपकी इन्ही जिज्ञासाओं को शांत करने के लिए इस लेख की रचना की गई है। कृपया लेख पर बनें रहें आपको इस लेख के माध्यम से इस ऐतिहासिक शहर के सभी प्रमुख पर्यटन स्थलों के विषय में विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी।
बड़ा इमामबाड़ा
सन 1784 में अवध के नवाब आसफुदौला ने रियासत में सूखा पड़ जाने पर लोगों को काम देने के लिए एक बहुत ही खूबसूरत इमामबाड़ा बनवाया था। जिसको आज हम बड़ा इमामबाड़ा के नाम से जानते हैं इमामबाड़ा के परिसर में ही असफी मस्जिद है जिसमे दो गोल गुम्बद बने हुए हैं इसी से सटा हुआ इक अजीबोगरीब भूलभुलैया भी है।ये नवाब कालीन इमारत नगर में आने वाले सभी पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बनी रहती है। यदि आप इस शहर में हैं औऱ आपको नवाबों के विषय में दिलचस्पी है तो आप को एक बार इस इमामबाड़े को अवश्य देखना चाहिए।

छोटा इमामबाड़ा
नवाब मोहम्मद अली शाह के द्वारा बनवाया गया छोटा इमामबाड़ा जो हुसैनाबाद में स्थित है इसे हुसैनाबाद इमामबाड़ा भी कहा जाता है।मुस्लिम धर्म के शिया समुदाय की ये इमारत धार्मिक स्थल है इसलिए यहां पर हमेशा जायरीनों का तांता लगा रहता है।इस इमारत की ऊँची ऊँची मीनारों और गुम्बदों को देखने के बाद लोग अक्सर नवाब युग मे खो जाते है।लखनऊ शहर का ये एक महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल है। लखनऊ आने पर इस इमारत का एक बार दीदार अवश्यकरना चाहिए।
लखनऊ रेजिडेंसी
हजरत गंज में स्थित राज्यपाल आवास के समीप ही अंग्रजों के द्वारा निर्मित किया गया लखनऊ रेजिडेंसी भारत मे अंग्रजो की याद दिलाता है।सन 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में ये इमारत अंग्रेजों का एजेंट भवन हुवा करता था।ये जगह भी इस शहर का लोकप्रिय पर्यटन स्थल है।
डॉ भीमराव अंबेडकर पार्क
भारत के सविधान रचियता भीमराव आंबेडकर जी की याद में उत्तर प्रदेश की तत्कालीन मुख्यमंत्री शु श्री मायावती जी के द्वारा निर्मित कराया गया डॉ भीमराव अंबेडकर पार्क लखनऊ शहर का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है यहाँ पर हमेशा पर्यटकों का आना जाना लगा रहता है।
जनेश्वर मिश्र पार्क लखनऊ
भारत में समाजवादी विचारधारा के पुरोधा जनेश्वर मिश्र जी को समर्पित इस पार्क को समाजवादी नेता एवँ उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री मुलायम सिंह यादव ने बनवाया था।ये पार्क भी पर्यटन के लिहाज से इस शहर का प्रमुख पर्यटन स्थल है।लखनऊ भृमण पर अपने समय का सदुपयोग करने के लिए आप इस पार्क में जा सकते हैं।