हमारे देश भारत को ऋतुओं का देश कहा जाता है। क्योंकि यहां पर सभी तरह के मौसम (ऋतु)अपने अपने समय पर आते जाते रहते हैं। जब इन ऋतु (मौसम) में बदलाव होता है। तो अक्सर हमें सर्दी जुकाम खाँसी आदि का संक्रमण हो जाता है।इसके अलावा सर्दी के मौसम में भी हमें सर्दी जुकाम हो जाता है। इस विषय में आम जनमानस के अंदर जानकारी ना होने के कारण लोग काफी ज्यादा परेशान हो जाते हैं। जबकि अदि हमें जानकारी हो तो इस सर्दी जुकाम नामक संक्रमण से बचने के बहुत से उपाय हमारे अपने किचन या घरों में मौजूद रहते हैं।जिनकी सहायता से हम बगैर डॉक्टर के पास जाए अपनी इस समस्या का निदान कर सकते हैं। यहां पर हम अपने इस ब्लॉक पोस्ट की मदद से अपने पाठक साथियों को सर्दी जुकाम के सभी विषयों से अवगत कराएंगे। जैसे कि सर्दी जुकाम से राहत पाने के घरेलू उपाय,सर्दी जुकाम के लक्षण, सर्दी जुकाम होने पर परहेज,सर्दी जुकाम होने के दौरान दिनचर्या कैसी होनी चाहिए, क्या खान-पान होना चाहिए आदि आदि।

जुकाम क्या है/कैसे होता है?
जुकाम को नजला भी कहते हैं।यह हमारे स्वसन तंत्र में संक्रमण होने के कारण होता है। जो अक्सर मौसम के बदलाव के वक्त सर्दियों के मौसम में या किसी जुकाम से संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने पर हो जाता है। क्योंकि यह वायरल संक्रमण के कारण होता है। इसीलिए जुकाम से पीड़ित व्यक्ति से उचित दूरी बनाए रखना चाहिए। इसे हम राइनो वायरस का संक्रमण भी कह सकते हैं। इस तरह के संक्रमण में 200 प्रकार के वायरस जिम्मेदार होते हैं। जिनके चपेट में आने से हमें राइनो वायरस का संक्रमण (नजला सर्दी जुकाम)आदि हो सकता है।जुकाम का घरेलू इलाज करने के उपाय इस प्रकार हैं-
जुकाम का घरेलू इलाज करने का उपाय
सर्दी जुकाम का घरेलू इलाज करने के बहुत से उपाय उपलब्ध हैं। लेकिन हम जानकारी के अभाव में इस प्रकार के संक्रमण का इलाज घर पर नहीं कर पाते हैं।जिसके कारण हमें बाहर डॉक्टर के पास भागना पड़ता है।जिसमें हमारा बहुमूल्य समय और धन व्यर्थ में नष्ट होता है। जबकि देखा जाए तो इस प्रकार से संक्रमण से बचने बचाने में कारागार तमाम सी वस्तुएं हमारे अपने घरों में उपलब्ध होती हैं। जिनका इस्तेमाल करके हम इस प्रकार के संक्रमण को मात दे सकते हैं।तो आइए आगे हम विस्तार पूर्वक से जानते हैं की किन-किन चीजों की मदद से राइनो वायरस (जुकाम के संक्रमण) से बचा जा सकता है।

तुलसी के सेवन से जुकाम का इलाज
तुलसी को भारत के सनातन धर्म में देवी के रूप में देखा जाता है।धार्मिक मान्यताओं से हटकर भी तुलसी में बहुत से औषधीय गुण प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। जो बहुत सी बीमारियों में हमारे लिए फायदेमंद हैं।सर्दी जुकाम होने पर तुलसी की पत्तियों का काढ़ा बनाकर पीने से आराम मिलता है। इसकी पत्तियों को सूंघने से जुकाम से पीड़ित लोगों की नाक खुल जाती है। सर्दी जुकाम से संक्रमित बच्चों को अदरक के रस के साथ तुलसी के रस को शहद के साथ में देने पर बच्चों को जुकाम में अत्यधिक लाभ प्राप्त होता है।
जुकाम में फायदा पहुंचाता है लहसुन
लहसुन में एक विशेष प्रकार का एलिसिन नाम का रसायन पाया जाता है। जो एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंगल, एवं एंटीसेप्टिक का कार्य करता है। इसी रसायन की वजह से सर्दी जुकाम में 6 से 7 लहसुन की कली को देसी घी में भूनकर खाने से नाक बहना व खांसी का आना लगभग लगभग बंद हो जाता है।
काली मिर्च एवं शहद से जुकाम का इलाज
काली मिर्च एवं शहद ये दोनों चीजे हमेशा हमारे किचन में उपलब्ध रहती हैं। दोनों के अंदर एंटीबैक्टीरियल गुण होने के साथ-साथ अन्य औषधीय गुण भी प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। काली मिर्च के चूर्ण को शहद के साथ इस्तेमाल में लें या आधा चम्मच काली मिर्च का चूर्ण आधा चम्मच मिश्री को एक गिलास गुनगुने दूध के साथ दिन में 2 बार ले सकते हैं। इसके इस्तेमाल से बहुत ही जल्दी सर्दी जुकाम के प्रभाव को अपने घर पर ही कम किया जा सकता है।
जुकाम का घरेलू इलाज हल्दी और अजवाइन से
10 ग्राम हल्दी एवं 10 ग्राम अजवाइन को एक गिलास पानी में इतना उबालें कि पानी आधा हो जाए। पानी के आधा हो जाने पर इसमें 50 ग्राम फ्रेश गन्ने का गुड़ या पुराना गुड़ मिलाकर थोड़ी देर और पकाएं। इस पेय को पीने से सर्दी और जुकाम के संक्रमण से बहुत जल्दी पीछा छुड़ाया जा सकता है।क्योंकि इन तीनों के अंदर एंटीसेप्टिक वारंटी और एंटी बैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं।
जुकाम से राहत पाने के अन्य घरेलू उपाय
ऊपर बताए गए सर्दी जुकाम से राहत पाने के उपाय के अलावा भी अन्य बहुत से घरेलू उपाय हमारे किचन या आसपास मौजूद हैं। जिनके इस्तेमाल से हम राइनो वायरस (जुकाम) से अपने शरीर की सुरक्षा अपने ही घर पर कर सकते हैं। अन्य घरेलू उपाय जो इस प्रकार से हैं–
- सर्दी जुकाम होने पर कलौंजी के बीजों को भून कर सूँघने से आराम मिलता है।और बंद नाक खुल जाती है।
- एक चम्मच शहद के साथ में आधा चम्मच दालचीनी को मिलाकर खाने से सर्दी खांसी जुकाम में आश्चर्यजनक लाभ प्राप्त होते हैं।
- मांसाहारी लोग मछली व अंडो को अपने भोजन में शामिल करके सर्दी खांसी जुकाम सेअपना बचाव कर सकते हैं।
- कटेरी, अंडू, सोंठ, चिरायता आदि की जड़ों को 10-10 ग्राम की मात्रा में लेकर काढ़ा बनाकर पियें बहुत ही जल्द आराम मिलेगा।
- लोंग, गिलोय का काढ़ा बनाकर पीने से सर्दी खांसी जुकाम में आश्चर्यजनक लाभ मिलता है। और ये हमारी इम्यूनिटी को बूस्ट भी करते हैं। और संक्रमण जैसे रोगों से लड़ने की क्षमता प्रदान करते हैं।

जुकाम में आपकी जीवन शैली
- जुकाम से पीड़ित लोगों को कूलर एवं एसी कमरों में रहने से बचना चाहिए।
- सर्दियों के मौसम में गर्म कपड़ों और मफलर “जिससे कि नाक बंद हो जाए” का उपयोग करना चाहिए।
- नहाने के लिए ठंडे पानी का इस्तेमाल ना करें। हो सके तो पानी को गर्म करके नहाए या इस्तेमाल करें।
- सर्दी के मौसम में पैरों में जूते तथा हाथों में दस्ताना का उपयोग करें।
- जुकाम हमेशा संक्रमण की वजह से होता है। इसीलिए साफ सफाई पर अत्यधिक ध्यान दें। हमेशा इस्तेमाल में लाने वाले रुमाल को साफ रखें एवं हाथों को अच्छी तरह धुलने के बाद ही भोजन करें।
- जुकाम से पीड़ित लोगों को चाहिए कि खांसी आने के वक्त या छींक आने के वक्त हमेशा अपने मुंह पर रुमाल या हाथ लगा लें। ताकि यह संक्रमण दूसरों के अंदर ना पहुंचे।
- शरीर की इम्युनिटी को बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थों को अधिक से अधिक खाने की कोशिश करें।
दालचीनी से करें स्वास्थ्य की सुरक्षा
जुकाम में परहेज
- पीड़ित व्यक्ति को अपने भोजन में दही और चावल का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए।
- जिन भोज्य पदार्थों की तासीर ठंडी है उन्हें खाने से बचना चाहिए
- आइसक्रीम, कोल्ड ड्रिंक्स या फ्रिज के पानी का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए।
- बासी व ठन्डे खाने से परहेज करना चाहिए।
- मूली का सेवन किसी भी रूप में संक्रमण के दौरान नहीं करना चाहिए।
- जंक फूड एवं तैलीय खानों से अत्यधिक परहेज करना चाहिए।
- घर से बाहर निकलने पर बाहर की खुली हुई चीजों को खाने से परहेज करना चाहिए। क्योंकि इससे संक्रमण के और बढ़ने का खतरा होता है।
जुकाम में सतर्कता
सर्दी खांसी जुकाम का संक्रमण जिसमें गले की खराश एवं नाकों का बहना और तेज हो जाए ,जो नॉर्मल दवाओं से 8 से 10 दिन में ठीक नहीं हो रहा है।तो हमें सतर्क हो जाना चाहिए।क्योंकि गले की खराश एवं नाक का बहना सानूसाइटिस नाम की बीमारी का लक्षण माना जाता है। इसीलिए हमें 8 से 10 दिन के बाद किसी अच्छे योग्य डॉक्टर से संपर्क कर लेना चाहिए।