ayodhya darshan 2022– जैसा किया आप लोग जानते हैं कि मेरे ब्लॉग का नाम अयोध्या दर्शन है। तो इसलिए हम आपको अपने पहले ब्लॉग के माध्यम से अयोध्या का दर्शन करवाएंगे।और आपको अयोध्या के इतिहास, संस्कृति और यहां के प्रसिद्ध स्थलों एवं अयोध्या के सामाजिक परिवेश की संपूर्ण जानकारी देने का प्रयास करेंगे। मेरी कोशिश होगी कि हम आपको अपने ब्लॉग के माध्यम से अयोध्या आने वाले लाखों तीर्थ यात्रियों के दर्शन यात्रा को सुगम बनाएं। एवं जब वह अपनी यात्रा को पूर्ण करके अयोध्या से वापस जाएं तो यहां की संपूर्ण जानकारी को आत्मसात करके संतुष्टई की अनुभूति करें।

अयोध्या का इतिहास History of ayodhya
ayodhya darshan in hindi सरयू के किनारे स्थित अयोध्या को वेदों में ईश्वर का नगर कहा जाता है। कुछ वेदों में इस शहर को मोछदायिनी भी कहा गया है। प्राचीन काल में ये शहर कौशल प्रदेश की राजधानी हुआ करती थी। श्री राम जी के पिताजी राजा दशरथ कभी यहां के राजा हुआ करते थे। वर्तमान समय में यह शहर फैजाबाद के बगल में बसा हुआ है जिसको नवाब शुजाउद्दौला ने बसाया था।अभी कुछ दिनों पहले तक अयोध्या फैजाबाद जिले के अंतर्गत आता था। लेकिन माननीय योगी जी के मुख्यमंत्री बनने के बाद उनके द्वारा जिले का नाम बदलकर अयोध्या रख दियागया है। इन दोनों शहरों को स्थानीय लोग जुड़वा शहर के नाम से भी जानते हैं।
भारत भर में फैले सूर्यवंशी राजाओं एवं महाराजाओं की वंशावली कहीं ना कहीं अयोध्या शहर से आकर मिलती है। यहां के दासरथी राजा श्री रामचंद्र जी का वर्णन किए बिना अयोध्या का इतिहास लिख पाना असंभव है। श्री रामचंद्र जी का जन्म इसी शहर में सदियों पूर्व हुआ था ।इसलिए इस शहर कि पहचान श्री राम जी के नाम एवं राम मंदिर से है। वर्तमान समय में अयोध्या (ayodhya nagari) उत्तर प्रदेश में स्थित है। वर्तमान समय में शहर की जनसंख्या 2011 के जनगणना के अनुसार 564456 के लगभग है।
अयोध्या के प्रमुख मंदिर Ayodhya’s top templs
ayodhya nagari in hindi यूं तो अयोध्या को मंदिरों का शहर कहा जाता है। सरयू नदी के किनारे बसे इस मनोरम शहर में सैकड़ों मंदिर हैं। जिनके अंदर सभी देवी देवताओं के अत्यंत दुर्लभ मूर्तियां स्थापित हैं। जिन का दर्शन करने के लिए भारत समेत दुनिया के तमाम देशों से दर्शनार्थी दर्शन करने के लिए आते रहते हैं। अयोध्या शहर में विराजमान सभी मंदिरों और उनके अंदर विराजमान सभी देवी देवताओं के विषय में लिख पाना बहुत ही असंभव है। लेकिन हम आपको इस दार्शनिक शहर में बने कुछ मंदिरों के विषय में जानकारी उपलब्ध कराएंगे जोकि विश्व प्रसिद्ध एवं विश्व विख्यात हैं। तो आइए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं अयोध्या शहर में स्थित प्रसिद्ध मंदिरों के बारे में, जो इस प्रकार हैं।
राम मंदिर Ram mandir
ayodhya ram mandir darshan-प्रिय पाठक साथियों अगर वास्तविक रूप से देखा जाए तो राम मंदिर की पहचान से ही अयोध्या की पहचान है। श्री राम मंदिर को राम लल्ला भी कहा जाता है। वैदिक एवं जैन मतावलंबीयों के अनुसार श्री राम जी का जन्म इसी मंदिर में हुआ था। इस स्थान को लेकर मुस्लिम पक्ष का कहना है कि इस स्थान पर बाबरी मस्जिद है। जिसको लेकर मुस्लिम पक्ष एवं हिंदू पक्ष में काफी समय से विवाद चल रहा था। जिसका पटाक्षेप माननीय उच्च न्यायालय ने सन 2019 में किया था।
हनुमानगढ़ी Hanumangadi

लंका विजय के उपरांत अयोध्या वापस लौटे श्री राम जी ने अयोध्या नगर के बीच में स्थित एक ऊंचे से टीले पर हनुमान जी को रहने का आदेश दिया था। यही टीला बाद में हनुमान टीला के नाम से जाना जाने लगा ।कहते हैं कि इसी ऊंचे स्थान से हनुमान जी पूरी अयोध्या की रक्षा करते हैं। यहां के मुख्य मंदिर में माता अंजनी के गोद में लेटे हुए मुद्रा में बाल अवस्था में विराजमान हैं।
जो लोग अयोध्या दर्शन के समय सरयू में स्नान करके अपने पापों को धोना चाहते हैं उन्हें सर्वप्रथम हनुमानगढ़ी में जाकर हनुमान जी की अनुमति लेना अति आवश्यक है। कहते हैं कि किसी मानता के पूरा होने पर इस मंदिर का निर्माण फैजाबाद के नवाब मंसूर अली ने करवाया था और मंदिर को कुछ जमीन भी दिया था। और इसको ताम्रपत्र में लिखकर रखवा दिया था। वर्तमान समय में हनुमान जी को अयोध्या का राजा भी कहा जाता है। राम मंदिर में दर्शन को जाने वाले लोगों को सर्वप्रथम हनुमानगढ़ी जाकर हनुमान जी से अनुमति लेना अति आवश्यक है।
कनक भवन Kanak bhawan mandir
कनक भवन में प्रभु श्री राम जी एवं सीता जी की विग्रह रूपी सोने के मुकुट से सुसज्जित मूर्तियां स्थापित हैं। यह मंदिर अयोध्या शहर में ही हनुमानगढ़ी से कुछ कदमों की दूरी पर स्थित है 1891 में टीकमगढ़ रियासत की रानी ने इस मंदिर का भव्य निर्माण करवाया था। हिंदू धर्म के कई पर्व यहाँ पर बहुत ही धूमधाम से मनाए जाते हैं। जिसको देखने के लिए देश विदेश से तीर्थयात्री आते रहते हैं।
लक्ष्मण किला मंदिर Laxman kila Mandir
संत स्वामी श्री युगलानान्य शरण जी की तपस्या उनके द्वारा रचित महाभारत भाग श्री ,रघुवर गुरु दर्पण, श्री सीताराम नाम प्रताप एवं इश्क कांति जैसे सैकड़ों ग्रंथों एवं स्वामी जी के विचारों से अभिभूत होकर रीवा राज्य ने ब्रिटिश काल में यहां पर भव्य मंदिर का निर्माण करवाया था। एवं 52 बीघा जमीन आश्रम हेतु दान किया था।जुगुलआनन्य शरण जी रामाननंदी वैष्णव समाज के प्रमुख संत हैं। अयोध्या दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं का लक्ष्मण किला में रहने का उचित प्रबंध रहता है समय-समय पर यहां पर धार्मिक आयोजन होते रहते हैं।
जैन मंदिर Jain Mandir
अयोध्या शहर हिंदुओं की आस्था के अतिरिक्त जैन धर्म की आस्था का केंद्र बिंदु भी है। यहां पर पांच जैन तीर्थ कारों का जन्म स्थल भी है। इन जन्म स्थलों पर भव्य मंदिर का निर्माण केसरी सिंह ने नवाब काल में करवाया था अयोध्या आने वाले तीर्थ यात्रियों को इन मंदिरों पर दर्शन करने अवश्य जाना चाहिए
नागेश्वर नाथ मंदिर अयोध्या Nageshvar Nath Mandir
नागेश्वर नाथ मंदिर के विषय में किवदंती है कि एक बार श्री राम जी के पुत्र कुश सरयू में स्नान कर रहे थे। तब ही उनका बाजूबंद सरयू में कहीं गिर गया। जिसको एक नागकन्या ने खोज कर उसको वापस किया था। उस नागकन्या को कुश से प्रेम हो गया था। उसी नागकन्या की याद में कुश के द्वारा नागेश्वर नाथ मंदिर का निर्माण अयोध्या में करवाया गया था। इस मंदिर में शिवरात्रि बड़ी धूमधाम से मनाई जाती है। जिसको देखने के लिए देश-विदेश से श्रद्धालु आते हैं। इसके अतिरिक्त और भी बहुत से भव्य एवं ऐतिहासिक मंदिर अयोध्या में तीर्थ यात्रियों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं जो इस प्रकार हैं। 1, सप्त हरि मंदिर, 2 राघव जी का मंदिर 3, राज द्वार मंदिर 4,गुप्तार घाट आदि।
चार धाम मंदिर
अयोध्या धाम को आने वाले श्रद्धालुओं को एक बार चार धाम मंदिर में दर्शन हेतु अवश्य जाना चाहिए।क्योंकि इस मंदिर की भव्यता को नहीं देखा तो समझ लीजिए कि आपके दर्शन अभी पूरे नहीं हुए हैं।इसलिए एक बार यहां अवश्य आना चाहिए ये मंदिर भी अयोध्या के ऐतिहासिक मंदिरों में से एक है। जो मणिराम छावनी मंदिर से थोड़ा पहले स्थित है।
भरतकुंड नंदीग्राम
अयोध्या से 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित भदरसा नगर पंचायत के समीप भारत कुंड नाम का एक ऐतिहासिक स्थान है जो कि नंदीग्राम के अंतर्गत आता है।यहां पर एक भव्य मंदिर है जिसको देखने के लिए देश-विदेश से लोग आते रहते हैं।किवदंती है कि जब प्रभु श्री राम वनवास के लिए अयोध्या से प्रस्थान कर रहे थे तब भरत ने श्री राम जी को यहीं पर वनवास पर जाने से रोका था। किंतु जब श्री राम जी वनवास को चले गए तो भरत ने इसी स्थान पर श्री राम जी को अयोध्या का राजा मानते हुए उनकी चरण पादुका को सिंहासन पर रखकर श्री राम जी के कार्यवाहक के रूप में अयोध्या पर शासन किया था।
यह भी कहा जाता है कि भरत जी ने इस स्थान पर काफी समय तक कठोर तपस्या की थी।इस स्थान की ऐतिहासिकता इसलिए भी बढ़ जाती है क्योंकि प्रभु श्री राम के पिता राजा दशरथ का देहांत भरत कुंड के इसी स्थान पर हुआ था इसलिए इस मंदिर की विशेषता और भी बढ़ जाती है। वर्तमान समय में उक्त स्थान पर भव्य मंदिर विराजमान है जिसके दर्शन हेतु देशभर से लोग आते रहते हैं। भरतकुंड की ऐतिहासिकता को देखने के लिए श्रद्धालुओं को एक बार यहां अवश्य जाना चाहिए।
मणिराम की छावनी मंदिर
वाल्मीकि मंदिर के सामने ही स्थित मणिराम की छावनी मंदिर का नाम अयोध्या के ऐतिहासिक मंदिरों में गिना जाता है। इस मंदिर में प्रभु श्री राम अपने पूरे परिवार के साथ में विराजमान हैं।श्रद्धालुओं के मन में यदि प्रभु के पूरे परिवार को एक साथ में देखने की अभिलाषा है तो उन्हें एक बार अयोध्या बड़ी छावनी गुरु दर्शन अवश्य कर लेना चाहिए।
श्री अयोध्या धाम में घूमने के अन्य महत्वपूर्ण स्थान
अयोध्या यात्रा पर आए श्रद्धालुओं को संपूर्ण अयोध्या दर्शन के अपने लक्ष्य को पूरा करने के लिए ऊपर बताए गए प्रमुख मंदिरों के दर्शन के साथ साथ आगे बताये जा रहे निम्नलिखित प्रमुख स्थानों के दर्शन भी अत्यंत आवश्यक हो जाते हैं। क्योंकि इन महत्वपूर्ण ऐतिहासिक स्थालों एवं घाटों के दर्शन के बगैर हमारी यात्रा पूरी नहीं होती है।इसलिए आगे हम आपको अयोध्या के कुछ महत्वपूर्ण स्थलों, घाटों के नाम बताएंगे जो इस प्रकार से हैं-
अयोध्या सरयू मैया के दर्शन
जैसा की आप लोग ऊपर पढ़ चुके हैं और पहले से भी जानते होंगे की सभी प्रमुख शहर व ऐतिहासिक स्थल किसी न किसी नदी के किनारे स्थित होते हैं।इसी तरह से श्री अयोध्या धाम भी सरयू मैया के किनारे पर बसा हुआ है। इसीलिए यहां पर सरयू के किनारे किनारे तमाम घाटों का निर्माण किया गया था।इन्ही घाटों के माध्यम से श्रद्धालु सरयू स्नान करते हैं। सरयू किनारे बने इन घाटों को संपूर्ण अयोध्या दर्शन का एक महत्वपूर्ण अंग माना जाता है ये घाट भी अयोध्या आने वाले लोगों के आकर्षण का केंद्र है। नीचे बताए जा रहे हैं सभी घाटों पर नौकायान का लुत्फ देने के लिए हमेशा नाविक तैयार रहते हैं।जो श्रद्धालुओं को 100 से ₹200 में आपको नाव से सरयु दर्शन करवा देंगे।
- रामघाट
- लछण घाट
- नया घाट
- गुप्तार घाट
- स्वर्ग घाट
राम की पैड़ी
राम की पैड़ी हनुमान मंदिर से थोड़ी दूर पर ही स्थित है यह अयोध्या के महत्वपूर्ण दर्शनीय स्थलों में से एक है।अयोध्या दर्शन पर आने वाले श्रद्धालुओं से निवेदन है कि एक बार वह राम की पैड़ी पर अवश्य जाएं।ताकि वहां की भव्यता के रोमांच एवं शांति से अपने मन को संतुष्ट कर सकें। इसीलिए एक बार राम की पैड़ी का दर्शन करने अवशय जाएं।
अयोध्या में मनाए जाने वाले प्रमुख उत्सव
जैसा कि आप लोग जानते हैं अयोध्या शहर हिंदू धर्म की आस्था का प्रमुख शहर है इस शहर का संबंध बहुत से ऐतिहासिक तथ्यों से जुड़ा हुआ है।इसीलिए पूरे वर्ष भर किसी ना किसी कारणों की वजह से अयोध्या सुर्खियों में छाई रहती है। चाहे वह कारण त्योहारों, उत्सवों के मनाये जाने का हो या फिर किसी राजनैतिक मुद्दे के कारण हो।हम आपको यहां पर अयोध्या में मनाए जाने वाले प्रमुख त्योहारों, महोत्सवों के संबंध में विस्तार से सरल शब्दों में जानकारी उपलब्ध कराने का प्रयास करेंगे। तो आइए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं अयोध्या के प्रमुख पर्वों के विषय में-
- रामनवमी मार्च-अप्रैल
- रथ यात्रा जून-जुलाई
- सरवन झूला जुलाई-अगस्त
- परिक्रमा मेला अक्टूबर-नवंबर
- सरयू स्नान अक्टूबर-नवंबर
- राम विवाह नवंबर
- रामायण मेला दिसंबर
- प्रत्येक पूर्णिमा व अमावस्या परिवार स्नान
- भरत कुंड मेला
- मखोरा मेला
- गुप्तार घाट मेला
- दीपावली दीपोत्सव
अयोध्या में दीपावली का दीपोत्सव
यूं तो अयोध्या जी मैं हमेशा कोई ना कोई धार्मिक मेला एवं महोत्सव मनाया जाता रहता है। लेकिन उत्तर प्रदेश में जब से योगी आदित्यनाथ जी मुख्यमंत्री बने हैं तब से अयोध्या जी में दीपावली के पावन पर्व पर अयोध्या दीपावली महोत्सव को बहुत ही भव्यता के साथ मनाया जाने लगा है। अभी पिछले वर्ष सन 2021 में दीपावली पर्व के उपलक्ष में अयोध्या दीपावली महोत्सव में 12 लाख दीयों को जलाकर अयोध्या शहर ने गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज करवाया था।इस महोत्सव का उद्घाटन उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री माननीय योगी आदित्यनाथ जी ने अपने हाथों से किया था। अयोध्या के इस दीपोत्सव के आयोजन को देखने के लिए देश विदेश के लोग अयोध्या आए हुए हुए थे। ये दीपोत्सव अयोध्या का प्रमुख आयोजन बन गया है। जिसको देखने के लिए प्रत्येक वर्ष देश और विदेश के लोग आते रहते हैं।
अयोध्या दीपोत्सव 2022
पिछले कई वर्षों से चले आ रहे अयोध्या दीपावली दीपोत्सव को इस बार सन 2022 में पिछले वर्षों की तुलना में और अधिक भव्यता के साथ मनाए जाने के लिए पूरी अयोध्या अपने तन मन धन से लगी हुई है। इस बार दीपावली महोत्सव में पिछले वर्ष जलाए गए 12 लाख दियों से 3 लाख ज्यादा अर्थात 15 लाख दियों को अयोध्या दीपावली महोत्सव में जलाए जाने का लक्ष्य रखा गया है।इस दीपोत्सव का उद्घाटन देश के प्रधानमंत्री माननीय श्री नरेंद्र मोदी जी के हाथों से किया जाएगा। इस दीपोत्सव में प्रदेश एवं देश के बहुत से वीआईपी अतिथियों के आने की संभावना है।23/10/2022 को मेरे पोस्ट अपडेट करने के समय तक माननीय प्रधानमंत्री जी के अलावा उत्तर प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री माननीय योगी आदित्यनाथ जी, उत्तर प्रदेश की राज्यपाल माननीय श्रीमती आनंदीबेन जी,उत्तर प्रदेश के दोनों उपमुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद जी एवं बृजेश पाठक जी अयोध्या पहुंच चुके हैं। ये सभी वीआईपी गण राम कथा पार्क में मौजूद हैं। जहां पर दीपोत्सव से संबंधित झांकियों का प्रोग्राम चल रहा है।
आज 23 अक्टूबर 2022 को अभी कुछ समय के पश्चात 6 से 7 बजे सरयू नदी के किनारे राम की पैड़ी पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य जी, उपमुख्यमंत्री माननीय बृजेश पाठक जी, उत्तर प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन जी, उत्तरप्रदेश में ब्राह्मण समाज के शीर्ष नेता कृष्ण कुमार पांडेय उर्फ खुन्नू पांडेय के अलावा देश एवं विदेश के कई नामी-गिरामी वीआईपी व्यक्तियों की गौरवमयी उपस्थिति में देश के यसस्वी प्रधानमंत्री माननीय श्री नरेन्द्रमोदी जी के द्वारा अयोध्या दीपोत्सव कार्यक्रम का उद्घाटन किया जाएगा।
अयोध्या की सामाजिक संरचना Ayodhya’s social Structure
अयोध्या में प्रमुख रूप से हिंदू धर्म के लोग एवं इस्लाम धर्म के लोग रहते हैं। जिनका आपस में गहरा संबंध है।यहाँ के लोग आपस में मिलजुल कर रहते हैं एवं एक दूसरे के धर्म का सम्मान करते हैं।यहाँ के लोग एक दूसरे के त्यौहार को मिल कर हर्षोल्लास से मनाते हैं।यहाँ के वातावरण में गंगा जमुनी तहजीब असली चेहरा देखने को मिलता है।
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अयोध्या की यात्रा कैसे करें?/अयोध्या कैसे पहुँचें?
अयोध्या शहर उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से 140 किलोमीटर पूरब की ओर सरयू किनारे बसा है।यहां आने के लिए देश के सभी बड़े शहरों से ट्रेन या बसें मिल जाती हैं। अयोध्या धाम को पहुंचने के लिए यातायात के सभी माध्यम सड़क मार्ग, रेल मार्ग, एवं हवाई मार्ग उपलब्ध है।
अयोध्या की यात्रा सड़क मार्ग से Ayodhya journey by rod
अयोध्या शहर लखनऊ से गोरखपुर फोरलेन मार्ग पर स्थित है जिसके कारण यहां की सड़क यात्रा अत्यंत ही सुगमता से पूर्ण हो जाती है। देश की राजधानी दिल्ली एवं उत्तर प्रदेश के सभी प्रमुख शहरों से अयोध्या के लिए सुगमता से बसें व टैक्सियों उपलब्ध हो जाती हैं। यदि आपके यहां से अयोध्या के लिए डायरेक्ट बस या टैक्सी नहीं मिल रही है तो आप उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ पहुंच जाएं फिर वहां से आपको अयोध्या जाने के लिए सभी तरह की प्राइवेट तथा सरकारी बस, फोर व्हीलर आदि मिल जाएगी। जिनकी सहायता से आप डेढ़ से 2 घंटे में लखनऊ से अयोध्या बहुत ही आसानी से एवं कम खर्चे (प्राइवेट बस डेढ़ सौ रुपए में एवं सरकारी बस ₹200)में पहुंच जाएंगे। पूर्वांचल एक्सप्रेस वे के बन जाने से अयोध्या पहुँचना बहुत ही सरल व सस्ता हो गया है।अयोध्या को विश्व पर्यटन स्थल बनाने की योजना युद्ध स्तर पर चल रही है इस योजना के पूर्ण हो जाने पर देश के सभी हिस्सों से अयोध्या की सड़क यात्रा सुगमता से परिपूर्ण हो जाएगी। क्योंकि इस योजना के माध्यम से अयोध्या शहर को देश के सभी प्रमुख शहरों से फोरलेन व सिक्स लेन रोड के माध्यम से जोड़ा जा रहा है।
अयोध्या की यात्रा रेल मार्ग से Ayodhya journey by railway
ayodhya darshan train-लखनऊ से वाराणसी रूट पर स्थित अयोध्या जंक्शन को भारत सरकार विश्वस्तरीय सुविधाओं के साथ विकसित कर रहा है। भारत के सभी प्रमुख शहरों एवं राज्यों से अयोध्या के लिए रेलगाड़ियां चलाई जाती हैं। भारत सरकार नेपाल (जनकपुर जहां पर सीता जी का जन्म हुआ था )से अयोध्या को रेल मार्ग से जोड़ने की योजना बना रही है। ताकि नेपाल से आने वाले श्रद्धालुओं को अयोध्या तक सुगमता से एवं कम खर्चों में पहुंचाया जा सके। आपके क्षेत्र से यदि अयोध्या के लिए कोई डायरेक्ट ट्रेन नहीं है तो आप उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ तक की किसी भी ट्रेन को पकड़कर लखनऊ आ जाएं।लखनऊ से अयोध्या की दूरी लगभग 140 किलोमीटर बचती है जिसे दर्शनार्थी रोडवेज बस, सरकारी बस एवं प्राइवेट गाड़ियों की मदद से बहुत ही आसानी से 150 से ₹200 में पूरा कर सकते हैं।
अयोध्या की यात्रा हवाई मार्ग से Ayodhya journey by air
अयोध्या में स्थित पुरानी हवाई पट्टी को भारत सरकार विश्वस्तरीय सुविधाओं से युक्त एयरपोर्ट बनाने की योजना पर काम कर रहा रही है। जिसके लिए जमीनों का अधिग्रहण शुरू हो चुका है एवं इस योजना को समय से पूरा करने के लिए निर्माण कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है।इस योजना के पुर्ण हो जाने पर आने वाले कुछ समय में अयोध्या के विकसित हवाई अड्डे से अंतरराष्ट्रीय उड़ाने शुरू हो जाएंगी। अभी वर्तमान समय में हवाई मार्ग से अयोध्या पहुंचने के लिए आपको लखनऊ के चौधरी चरण सिंह एयरपोर्ट पर लैंड करना पड़ेगा जो कि अयोध्या से लगभग डेढ़ सौ किलोमीटर दूर है। यहां से आप सड़क मार्ग का उपयोग करके आसानी से 150 से 200 रुपये में अयोध्या पहुंच सकते हैं।
अयोध्या में ठहरने के स्थान
यदि आप ayodhya nagari (अयोध्या दर्शन) के लिए इस शहर में आए हैं तो आपको कम से कम 2 दिन यहां पर रुक कर इस पावन शहर की आत्मीयता को आत्मसात करना चाहिए। अयोध्या के इस पावन शहर में ठहरने के लिए के लिए आपको आपके बजट के हिसाब से होटल रिजॉर्ट, गेस्ट हाउस एवं आश्रम आसानी से उपलब्ध हो जाएंगे। यदि आप फाइव स्तर की सुविधा चाहते हैं तो आपको अयोध्या शहर से लगभग 140 किलोमीटर दूर राजधानी लखनऊ में रुकना पड़ेगा। क्योंकि अयोध्या में अभी 5 स्टार स्तर के रिजॉर्ट उपलब्ध नहीं है। लेकिन मेरा सुझाव है कि आप अयोध्या में किसी आश्रम में ठहर कर अयोध्या का दर्शन करें।आश्रम में ठहरने से आपको अयोध्या की ऐतिहासिकता से परिचित होने का लाभ मिलेगा। इसके अलावा आश्रम में काफी कम कीमत में आपके भोजन का भी प्रबंध हो जाएगा।अयोध्या शहर में ठहरने लायक कुछ आश्रम व होटल के नाम इस प्रकार हैं-
अयोध्या की फेमस चीज क्या है?
वैसे तो पूरी अयोध्या ही फेमस है लेकिन अयोध्या आने वाले दर्शनार्थियों के मन में अयोध्या की फेमस चीजों को देखने का कौतूहल बना रहता है। यदि आप भी अयोध्या दर्शन के समय यहां के प्रसिद्ध जगहों,ऐतिहासिक इमारतों एवं यहां की फेमस चीजों के बारे में जानना चाहते हैं तो पोस्ट पर बने रहें। आगे आपको अयोध्या की फेमस चीजों से अवगत कराया जाएगा।
बहू बेगम का मकबरा
अयोध्या के जुड़वा शहर फैजाबाद में नवाब काल में नवाब सुजाउद्दोला के द्वारा अपनी बेगम उनमतुज्जौरा की याद में बनवाया गया बहू बेगम का मकबरा अयोध्या के फेमस जगहों में से एक है। जिसे बहू बेगम का मकबरा के नाम से जाना जाता है। यहीं पर नवाब शुजाउडदौला की बेगम उन्मतजवरा की कब्र मौजूद है। इमारत की बनावट एवं इसकी नक्काशीयां नवाब काल की सुनहरी याद दिलाती हैं इस इमारत को पूर्व का ताजमहल भी कहा जाता है। अयोध्या दर्शन पर आने वाले दर्शनार्थियों को एक बार इस मकबरे को अवश्य देखना चाहिए क्योंकि यह इमारत भारत की ऐतिहासिकता एवं एकता में अनेकता से परिचित कराने का एक माध्यम स्वरूप है।
छावनी मंदिर फैज़ाबाद
अयोध्या के जुड़वा शहर फैजाबाद में डोगरा रेजीमेंट के अंदर में बनी खूबसूरत छावनी मंदिर (शेम्पी मंदिर) को देखने का एक अलग ही मजा है। इस मंदिर की भव्यता तथा इसके अगल बगल की हरियाली दर्शनार्थियों का मन मोह लेती है। इस मंदिर की देखरेख भारतीय सेना के डोगरा रेजीमेंट यूनिट के हाथों में है। इस मंदिर में जाने पर मंदिर का दर्शन तो होता ही है उसके साथ में दर्शनार्थियों को भारतीय सेना की गरिमा एवं सेना के आचरण के भी दर्शन हो जाते हैं। इसलिए दर्शनार्थियों को समय निकालकर इस मनोरम स्थल पर एक बार अवश्य जाना चाहिए।
मोती महल
इस इमारत का निर्माण भी नवाब काल में नवाब सुजाउददौला के द्वारा किया गया था जिसे हम मोतीमहल के नाम से जानते हैं।इसी महल में नवाब शुजाउडदौला की बेगम उनमतुज्जौरा निवास करती थी। यह इमारत अपनी बनावट एवं आपने आकर्षण की वजह से अयोध्या के प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में से एक है। इस इमारत को देखने एवं अयोध्या को समझने के लिए देश-विदेश के पर्यटन यात्री यहां हमेशा आते रहते हैं।ये स्थल अयोध्या के 10 किलोमीटर के सर्किल के अंदर मौजूद है।
प्रिय पाठक साथियों आपको यह ब्लॉग कैसे लगा अगर ब्लॉग में कोई तथ्य छूट गया हो तो हमें कमेंट करके जरूर बताइएगा। ताकि हम और ज्यादा मेहनत से खोजबीन करके छूटे हुए तथ्यों को आपके सामने रख सके और आपकी जिज्ञासाओं को पूरा कर पाएँ।
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