डायबिटीज जिसे हम शुगर के नाम से भी जानते हैं।यह एक ऐसा रोग है। जिसकी चपेट में आज पूरे विश्व की 75% आबादी ग्रसित है।हमारे गलत खानपान एवं अनियंत्रित जीवनशैली के कारण।हमारे शरीर में इंसुलिन का उत्पादन काफी कम मात्रा में होती है। इंसुलिन की कम मात्रा होने के कारण हमारे रक्त में शुगर का स्तर बढ़ जाता है। जिस की वजह से रोगी के शरीर में ऊर्जा का संयमित उत्पादन नहीं हो पाता है। और हमें बहुत सारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। डायबिटीज के विषय में अज्ञानता के कारण। आज के समय में डायबिटीज रोग एक महामारी का रूप धारण कर चुका है।जिसकी चपेट में बच्चे बूढ़े सभी वर्ग के लोग शामिल हैं। यदि हम अपने खानपान एवं जीवन शैली पर थोड़ा सा फोकस कर ले। तो इस महामारी से आसानी से बचा जा सकता है।इसीलिए आज हम आप सबको डायबिटीज कंट्रोल करने के उपाय /निदान एवं परहेज के विषय पर जागरूक करेंगे।

डायबिटीज (शुगर) होने के क्या कारण हैं
वैसे तो डायबिटीज होने के बहुत से कारक जिम्मेदार होते हैं। लेकिन हम यहां पर आपको डायबिटीज शुगर होने के कुछ महत्वपूर्ण कारकों से अवगत कराएंगे। जैसे कि यदि हम अपने खानपान एवं भोजन के रूप में। ग्रहण किए जाने वाले तत्व पर ध्यान नहीं देते हैं।तो इससे हमारे शरीर में डायबिटीज रोग का आगमन 100 परसेंट तय माना जाता है। अनियंत्रित जीवनशैली ,मानसिक तनाव, शारीरिक रूप से निष्क्रियता। एवं कभी-कभी अनुवांशिकता के कारण भी हमारे शरीर में डायबिटीज (शुगर )रोग का आगमन हो जाता है।
हमारे शरीर में एक अंग पाया जाता है जिसे हम अग्नाशय के नाम से जानते हैं। इसका मुख्य कार्य इंसुलिन के उत्पादन का होता है। और इंसुलिन का काम ग्लूकोज को शरीर के अन्य कोशिकाओं तक पहुंचाने का होता है। जब हमारे शरीर का अग्नाशय ठीक से कार्य नहीं करता है। तो इंसुलिन का उत्पादन या तो बिल्कुल नहीं होता। यदि होता भी है तो काफी कम मात्रा में।इंसुलिन की उत्पादकता कम होने या बिल्कुल ना होने के कारण। हमारे शरीर की कोशिकाओं में ग्लूकोज का संचालन नहीं हो पाता है।जिसके फलस्वरूप हमारे रक्त में शुगर का लेवल कम या ज्यादा हो जाता है। और हमारा शरीर भोजन से प्राप्त ऊर्जा का सही इस्तेमाल नहीं कर पाता है।
डायबिटीज के कितने रूप हैं
अभी तक डायबिटीज शुगर के मुख्यतः दो रूप सामने आए हैं।
टाइप-1 डायबिटीज(शुगर)
इस प्रकार के डायबिटीज में हमारा अग्नाशय (पैंक्रियास )।इंसुलिन का उत्पादन काफी कम मात्रा में करता है। या पूरी तरह से इंसुलिन का उत्पादन करने में असमर्थ रहता है। इस तरह के डायबिटीज से ग्रसित होने वाले रोगियों को। कृतिम इंसुलिन दे कर के इनका इलाज किया जाता है। इस टाइप के डायबिटीज को जड़ से खत्म कर पाना असंभव होता है।इस तरह के डायबिटीज से किशोरावस्था वाले बच्चे अत्यधिक ग्रसित होते हैं।
टाइप 2 डायबिटीज (शुगर)
इस प्रकार के डायबिटीज में हमारा अग्नाशय इंसुलिन का उत्पादन करता तो है। लेकिन उत्पादित किए गए इंसुलिन को अन्य कोशिकाएं ग्रहण नहीं कर पाती हैं। या उन्हें ठीक प्रकार से अन्य कोशिकाओं को प्रेषित नहीं कर पाती हैं। कोशिकाओं द्वारा इंसुलिन को ग्रहण न कर पाने के कारण।रक्त में शुगर की मात्रा अधिक बढ़ जाती है। जिसके कारण रोगी को कई तरह की परेशानियों से जूझना पड़ता है। इस तरह के डायबिटीज को दवाओं व संयमित खानपान से पराजित किया जा सकता है।

डायबिटीज होने के लक्षण
- डायबिटीज या शुगर से ग्रसित होने वाले रोगियों को बार-बार पेशाब आने लगता है और इसके अलावा रूबी के पेशाब मैं पीलापन नहीं रहता है इसके अलावा रोगी के पेशाब की ओर चीटियां आदि काफी तेजी से आकर्षित होती हैं लोगों को इन चीजों से सतर्क रहने की आवश्यकता होती है।
- डायबिटीज होने पर हमारा मुंह बार-बार सूखता रहता है और पानी पीने की इच्छा होती है।
- शरीर पर लगने वाले छोटे-मोटे गांव यदि पत्नी फूटने लगते हैं वह जल्दी से ठीक नहीं होते हैं तो हमें सतर्क हो जाने की आवश्यकता है इनकी या डायबिटीज के विशेष लक्षण हैं।
- डायबिटीज से ग्रसित रोगियों के हाथ पैर व शरीर में हमेशा थकान बनी रहती है इसके अलावा उनके हाथ पैर एवं पूरे शरीर में हमेशा झुनझुनाहट बनी रहती है हमेशा हमारे साथ होता है तो हमें सतर्क हो जाने की आवश्यकता है।
- यदि हमारा शरीर का वजन तेजी से कम ज्यादा हो रहा है तो हमें सतर्क हो जाने की आवश्यकता है क्योंकि डायबिटीज में यह लक्षण आम तौर पर देखे जाते हैं।
- डायबिटीज से ग्रसित होने वाले रोगियों में अक्सर यह देखा गया है की उनके शरीर के अंदर रोग से लड़ने वाली क्षमता काफी कमजोर हो जाती है इसीलिए वे किसी भी तरह के संक्रमण से बहुत ही जल्दी प्रभावित हो जाते हैं।
शुगर/डायबिटीज से बचने के घरेलू उपाय
हमारे देश भारत व पड़ोसी देशों की जलवायु अति सर्वोत्तम है। क्योंकि यहां की जलवायु में खानपान से संबंधित सभी महत्वपूर्ण फलों व सब्जियों की पैदावार अधिक मात्रा में होती है। जिसके कारण हमें हर समय ताजे फल व सब्जियां एवं अन्य महत्वपूर्ण खाद्य पदार्थ आसानी से उपलब्ध हो जाते हैं ।इसीलिए अगर हम डायबिटीज के मामले में जानकारी प्राप्त करके ।कुछ महत्वपूर्ण खाने की चीजों पर ध्यान दें। तो डायबिटीज से होने वाली परेशानियों से काफी हद तक बच सकते हैं।ऐसे ही कुछ खाद्य पदार्थों के नाम हम आगे आपको बताने जा रहे हैं। जिनके सेवन करने से हम डायबिटीज जैसी लाइलाज बीमारी से राहत पा सकते हैं। जो इस प्रकार हैं•••
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- अमतलास के अंदर ऐसे औषधीय गुण विद्यमान हैं।जिनका सेवन करके हम अपने अग्नाशय व अन्य कोशिकाओं को स्वस्थ रख सकते हैं। जिसके लिए हमें 1/4 कप अमतलास की पत्तियों को पीसकर प्रतिदिन खाली पेट पीना चाहिए।
- करेला इसके अंदर एंटी ऑक्सीडेंट की प्रचुर मात्रा उपलब्ध होती है। जो हमारे रक्त से शुगर की मात्रा को कम करने का कार्य करते हैं। इसीलिए हमें प्रतिदिन खाली पेट करेले का जूस।या करेला खीरा एवं टमाटर के जूस का इस्तेमाल करना चाहिए।
- सौंफ के प्रतिदिन इस्तेमाल करने से भी डायबिटीज रोगियों को अत्यधिक लाभ मिलता है।
शुगर से बचने का वर्क आउट उपाय

- प्राणायाम नामक इस योगासन से शरीर में ऊर्जा का संचार होता है। इसलिए प्रतिदिन सूर्योदय के समय इस योगासन को करना चाहिए। इससे डायबिटीज (शुगर) के रोगियों को अत्यधिक लाभ प्राप्त होता है।
- ब्रिस्क वॉक हमें प्रतिदिन सूर्योदय के समय लगभग 30 मिनट से 40 मिनट तक। 4 से 5 किलोमीटर तक की स्पीड से पैदल चलना चाहिए। ताकि हमारे शरीर से पसीना निकल आए। अनेक शोध अध्ययनों से जानकारी प्राप्त हुई है ।की ब्रिस्क वॉक से डायबिटीज को नियंत्रित किया जा सकता है।
- शारीरिक श्रम को अपनी दिनचर्या में शामिल करके भी हम। डायबिटीज के खतरे को काफी आसानी से नियंत्रित कर सकते हैं।
शुगर डायबिटीज में परहेज
डायबिटीज या शुगर की बीमारी में खानपान बहुत ही मुख्य भूमिका निभाता है। एक और जहां गलत आहार लेने से शुगर का लेवल अत्यधिक बढ़ जाता है। वही संयमित आहार लेने से शुगर का लेवल काफी हद तक कम हो जाता है। इसीलिए हम अपने खान-पान पर ध्यान रखकर शुगर के लेवल को नियंत्रित कर सकते हैं। इसीलिए आगे उन चीजों के नाम से परिचित कराने का प्रयास किया गया है। जिनको खाने पीने से शुगर का लेवल अत्याधिक बढ़ या घट जाता है जो कि हमारे लिए काफी ज्यादा नुकसान दे होता है।

- मीठे खाद्य पदार्थों से शुगर रोगियों को जितना हो सके दूर रहना चाहिए। क्योंकि इसको खाने और पीने से रक्त में शुगर की मात्रा अत्यधिक बढ़ जाती है। जो कि खतरे का कारण बन सकता है।
- चावल या चावल से बनी खाद्य पदार्थों से परहेज करना चाहिए। क्योंकि इसके अंदर प्रचुर मात्रा में शुगर मौजूद होती है।
- मीठे फलों जैसे कि केला ,आम ,अंगूर ,लीची चीकू ,अनार, गन्ना, संतरा आदि तमाम मीठे फलों से परहेज करना चाहिए। क्योंकि इनके अंदर ग्लूकोस की प्रचुर मात्रा पाई जाती है। जो कि नुकसानदेह है।
- इसके अलावा ऐसे सभी खाद्य पदार्थ जिनमें शुगर व ग्लूकोज की अत्यधिक मात्रा उपलब्ध होती है। उन से परहेज करना चाहिए।
- धूम्रपान व मदिरापान से उचित दूरी बनाए रखना चाहिए। क्योंकि इनकी वजह से हमारे शरीर की कोशिकाएं अत्यंत कमजोर हो जाती हैं। जिससे शुगर को हमारे शरीर में पनपने का मौका आसानी से मिल जाता है।
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