chicken pox ka desi elaj-बड़ी माता का उपचार in hindi- चेचक जिसे हिन्दी भाषी प्रदेशों के गावँ देहात में बड़ी माता के नाम से जाना जाता है।मेडिकल जगत में इस रोग को chikenpox तथा आयुर्वेद में लघु मसूरिका कहा जाता है।ये बीमारी अक्सर गर्मी व बरसात के मौसम में एक विशेष प्रकार के विषाणुओं के संक्रमण के कारण होती है। ये बहुत तेजी से एक दूसरे को इस रोग से प्रभावित करते हैं।बड़ी माता chechak से संक्रमित होने वाले रोगियों को पहले सर्दी लगकर बुखार आता है उसके दो-तीन दिन के बाद पूरे शरीर पर छोटे-छोटे लाल चकत्ते उठते हैं। जो सबसे पहले हाथ पैर और चेहरे पर आते हैं उसके बाद पूरे बदन पर। ये चकत्ते 2-3 दिनों में छाले में परिवर्तित हो जाते हैं जिन में जलन होने के कारण रोगियों को अत्यधिक कष्ट झेलना पड़ता है।इसीलिए बड़ी तादात में लोग बड़ी माता का उपचार hindi me इंटरनेट पा खोजते रहते हैं।

बड़ी माता का उपचार hindi– भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में चेचक को लेकर एक आम कहावत है कि इस रोग में अंग्रेजी दवाइयों का सेवन नहीं करना चाहिए।इस गवईं धारणा से प्रभावित लोग डॉक्टर के पास ना जा कर इधर-उधर बड़ी माता का उपचार upay ,बड़ी माता का उपचार google,बड़ी माता का उपचार facebook पर ,बड़ी माता का उपचार kiya है अक्सर खोजते रहते हैं। यदि आप भी बड़ी माता निकलने पर क्या खाना चाहिए ,बड़ी माता का इलाज क्या है ,शरीर पर माता क्यों निकलती है ,बड़ी माता कैसे होता है जैसे सवालों का जवाब जानना चाहते हैं। तो कृपया पोस्ट को पूरा पढ़ें आपके इन सवालों के जवाब को इस पोस्ट में देने की कोशिश की गई है।
शरीर पर माता क्यों निकलती है?
chicken pox in hindi-शरीर पर chechak (बड़ी माता) के निकलने में एक विशेष प्रकार के जीवाणु की विशेष भूमिका रहती है। गर्मियों के मौसम में उचित साफ सफाई न रखने के कारण एवं चेचक से प्रभावित किसी दूसरे व्यक्ति के सम्पर्क में आने के कारण लोग इन जीवाणुओं से होने वाले चेचक रोग से ग्रसित हो जाते हैं।क्योंकि इन जीवाणुओं के अंदर एक दूसरे को संक्रमित करने की विशेष छमता होती है।गर्मियों में ये जीवाणु अत्यधिक प्रभावशाली हो जाते हैं।
बड़ी माता चेचक के लक्षण
चेचक या बड़ी माता के कई सारे लक्षण होते हैं जिनके ऊपर ध्यान देकर हम आसानी से चेचक की पहचान कर सकते हैं और समय रहते चेचक (बड़ी माता के उपचार) को ठीक ढंग से तथा उचित समय पर कर सकते हैं। लेख में आगे जानते हैं चेचक के दिखाई पड़ने वाले कुछ आम लक्षण को जो इस प्रकार हैं-

- सर्दी लगकर तेज बुखार का आना।
- मुंह में छाले पड़ जाना एवं मुंह से दुर्गंध आना।
- खाने का स्वाद ना मिलना।
- बुखार आने के दो-तीन दिन के बाद हाथ पैर व चेहरे पर छोटे छोटे छकत्तों का उभर आना।
- बुखार आने के चार-पांच दिनों के बाद पूरे शरीर पर दानों का निकल आना।
- लगातार तेज बुखार 100 डिग्री के ऊपर का बने रहना।
- जी मतलाना और खांसी का आना चेचक की निशानी है।
- बार बार मुंह सूखना और अधिक प्यास का लगना।
- पीठ दर्द के साथ-साथ पूरे बदन में दर्द रहना।
- शरीर पर निकले छोटे-छोटे दानों में पीप आ जाना और उनमें अत्यधिक खुजली व जलन का रहना, चेचक की निशानी है।
- 1 हफ्ते के बाद धीरे धीरे छालों का मुरझा जाना चेचक की निशानी है।
चेचक,बड़ी माता का उपचार करने के घरेलू उपाय
chicken pox ka desi elaj– चेचक का इलाज या बड़ी माता का उपचार करने के बहुत सारे घरेलू उपाय हैं जिनको उपयोग में लाकर चेचक (बड़ी माता) के आने से पहले हम अपना इलाज कर सकते हैं। और यदि चेचक निकल आई है तब भी बताए गए चेचक के देसी इलाज से हम चेचक के प्रभाव को काफी हद तक कम कर के उसे जल्दी से जल्दी ठीक कर सकते हैं। तो आइए पोस्ट में आगे बढ़ते हैं और जानते हैं चेचक ( बड़ी माता का उपचार विधि) के कुछ घरेलू नुस्खे जो इस प्रकार से हैं-
नीम से चेचक का इलाज /नीम से बड़ी माता का उपचार
chicken pox me khujili ka upay-बहुत सी बीमारियों के प्रभाव को कम करने एवं बहुत सी बीमारियों को जड़ से खत्म करने में नीम के फल ,पत्तियां एवं छाल अत्यधिक कारगर साबित होते हैं। नीम के फ़ायदों के विषय में हम बचपन से ही सुनते चले आ रहे हैं। चेचक की आक्रामकता को कम करने एवं चेचक को खत्म करने में नीम की पत्तियां अत्यधिक प्रभावी होती हैं। क्योंकि नीम के अंदर एंटी ऑक्सीडेंट,एंटीबैक्टीरियल,एंटीबायोटिक जैसे औषधीय आयुर्वेदिक गुण प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। इसीलिए नीम की पत्तियों को पीसकर चेचक के छालों पर लगाने से छालों के अंदर होने वाली जलन और खुजली कम हो जाती है।इसके इस्तेमाल से कुछ ही दिनों में छाले धीरे-धीरे मुरझाने लगते हैं। इसके अलावा नीम की पत्तियों को पानी में पकाकर उक्त पानी से रोगी को नहलाने से चेचक के छालों में होने वाली खुजली कम होती है और धीरे-धीरे रोग की आक्रामकता खत्म हो जाती है।
हरी मटर से चेचक का इलाज/बड़ी माता का उपचार
chicken pox treatment for adults in hindi– सब्जी एवं दाल के रूप में इस्तेमाल की जाने वाली हरी मटर बहुत सारी औषधीय गुणों से परिपूर्ण है। इसका प्रयोग चेचक (बड़ी माता) के छालों में होने वाली खुजली एवं जलन को कम करने में महती भूमिका निभाता है। हरी मटर को पानी में पकाकर छालों पर लगाने से खुजली एवं जलन कम हो जाती है तथा इस पानी को पीने से रोगी को अत्यधिक आराम मिलता है।
शहद से चेचक/बड़ी माता, छोटी माता का इलाज
शहद के अंदर एंटीबायोटिक एवं एंटी फंगल गुण प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं।इसीलिए चेचक के छालों पर शहद का इस्तेमाल करने से छालो के अंदर खुजली व जलन कम हो जाती है।छोटी माता या बड़ी माता दोनों प्रकार के संक्रमण में शहद का उपयोग खुजली और जलन को कम करने के लिए किया जा सकता है।शहद के इस्तेमाल से रोगी को कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है।
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गाजर व धनिया से करें चेचक का उपचार
चेचक (बड़ी माता छोटी माता) से ग्रसित रोगियों को डॉक्टर्स हमेशा ठंडी तासीर वाले भोज्य पदार्थों का सेवन करने की सलाह देते हैं।चेचक का घरेलू उपचार के रूप में हम गाजर और धनिया को इस्तेमाल कर सकते हैं क्योंकि इनके अंदर प्रचुर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट की मात्रा पाई जाती है। इसके अलावा आयुर्वेद में इन दोनों की तासीर को भी ठंडा माना गया है। दो कप गाजर एवं दो कप हरी धनिया पत्ती को पानी में उबालकर दिन में दो बार पीने से रोगी को शीघ्र आराम मिलता है।
परहेज/चेचक, बड़ी माता निकलने पर क्या खाना चाहिए?
mata nikalne par kya khaye– चेचक या बड़ी माता के निकलने पर भोजन के रूप में कई प्रकार के पोषक तत्वों से परिपूर्ण भोजन को खाने की सलाह डॉक्टर्स और वैध हमेशा देते रहते हैं। डॉक्टर और वैध द्वारा बताए गए कुछ बेहतरीन पोषण वाले भोज्य पदार्थ इस प्रकार से हैं जिनका उपयोग करके चेचक रोग की आक्रामकता को काफी हद तक कम किया जा सकता है जो इस प्रकार से हैं-
- भोजन में हरी साग सब्जी का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करें।
- माता के निकलने पर अधिक पानी वाले फल जैसे ककड़ी तरबूज खरबूजे का सेवन करना चाहिए।
- ठंडी तासीर वाले संतरे वा मुसम्मी जैसे फलों के जूस का इस्तेमाल लाभदायक होता है।
- नारियल पानी में औषधीय तत्व पाए जाते हैं इसीलिए प्रातः काल में नारियल पानी का इस्तेमाल रोगी के लिए अत्यंत लाभदायक होता है क्योंकि नारियल पानी की तासीर को काफी ठंडा माना गया है।
नोट- इस पोस्ट में बताई गई समस्त जानकारियां मात्र शिक्षा के परिपथ से हैं।किसी भी नुस्खे या दवा को इस्तेमाल करने से पहले अच्छे डॉक्टर से सलाह लेना अति आवश्यक है।
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