गठिया ka matlab in hindi– गठिया जिसे मेडिकल की भाषा में अर्थराइटिस के नाम से पुकारा जाता है। पूर्व के समय में 50 वर्ष से अधिक उम्र वाले व्यक्ति इस बीमारी से अधिक प्रभावित होते थे किंतु आज के समय में यह एक आम बीमारी बन चुकी है। बच्चे बूढ़े जवान सभी उम्र के लोग डॉक्टर के यहां इस बीमारी का इलाज कराते हुए आसानी से देखे जा सकते हैं।इस बीमारी में हड्डियों के जोड़ों में अत्यधिक दर्द व सूजन रहती है जिसके कारण चलने फिरने, उठने बैठने में व्यक्ति को काफी तकलीफ उठानी पड़ती है। गठिया रूपी यह कष्टमयी बीमारी हड्डियों के जोड़ों पर चोट लगने या विटामिन सी की कमी के कारण संभवता जन्म लेती है। कभी-कभी इस बीमारी के होने में अनियंत्रित रूप से बढ़े हुए वजन या पूर्वजों के अनुवांशिक कारण भी जिम्मेदार होते हैं।

यदि आप भी गठिया बीमारी के विषय में संपूर्ण जानकारी प्राप्त करने के लिए पोस्ट को पढ़ रहे हैं तो कृपया पोस्ट पर बने रहें। आपको इस पोस्ट के माध्यम से गठिया के प्रकार in hindi, गठिया के लक्षण,गठिया होने का कारण,गठिया का उपचार एवं इस घातक बीमारी से शरीर का बचाव करने के लिए कुछ महत्वपूर्ण जानकारियों से अवगत कराया जाएगा। तो आइए आगे बढ़ते हैं और सबसे पहले जानते हैं गठिया क्या है? के विषय में-
गठिया क्या है?
गठिया kiya hai– इस प्रश्न को अधिकतर लोग जानना चाहते हैं।जिसको इस तरह से समझा जा सकता है यदि आपके शरीर के जोड़ों में लंबे समय तक दर्द बना रहता है तथा पैरों के घुटनों के हिलाने डुलाने में असहनीय पीड़ा का सामना करना पड़ता है और पैरों के तिरछा होने का एहसास होना होने लगता है तो हमें समझ जाना चाहिए कि ये गठिया रोग है।
गठिया के प्रकार
गठिया के प्रकार in hindi– गठिया से प्रभावित होने वाले रोगियों की चिकित्सकीय जांच रिपोर्ट के आधार पर एवं रोग के लक्षणों तथा उपचार के आधार पर गठिया रोग in hindi को इन प्रमुख नामों से अलंकृत किया गया है। जिसको नीचे विस्तार से बताया जा रहा है
ओस्टियोआर्थराइटिस
गठिया से संक्रमित रोगियों के हड्डियों के जोड़ों को कवर करने वाले कार्टिलेज जब नीचे खिसक जाते हैं तब रोगियों का ओस्टियोआर्थराइटिस का इलाज किया जाता है। इस समस्या से ग्रसित होने वाले रोगियों द्वारा हड्डियों के जोड़ों को हिलाने डुलाने पर अत्यधिक दर्द होता है। इसके अलावा जोड़ों के आसपास सूजन (गठिया me sujan) भी बनी रहती है। इसका प्रभाव अधिकतर घुटनों कुल्हों,पीठ के निचले हिस्से एवं गर्दन में अधिक देखने को मिलता है।
रूमेटाइड अर्थराइटिस
यह एक तरह से स्वता होने वाली बीमारी है जो शरीर के अंदर रोग प्रतिरोधक के द्वारा खुद के उतकों पर हमलावर होने के कारण होती है। रूमेटाइड आर्थराइटिस के कारण घुटनों या जोड़ो के अगल-बगल के ऊतकों में सूजन बनी रहती है। गठिया के इस रूप में शरीर के अन्य हिस्सों के जोड़ों के ऊतक कोशिकाओं में सूजन बनी रहती है।रूमेटाइड अर्थराइटिस स्वास्थ्य विशेषज्ञ एवं गठिया रोग स्पेसलिस्ट डॉक्टर की नजर में एक तरह से कंप्लीट बीमारी के रूप में देखा जाता रहा है।
जुवेनाइल इडियोपेथिक आर्थराइटिस
जूविनाइल इडियोपेथिक अर्थराइटिस को बेबी रूमेटाइड अर्थराइटिस भी कहा जाता है। जो मूल रूप से एक पुरानी गैर संक्रामक और ऑटोइम्यून कि सम्मिलित बीमारी है।कम उम्र के बच्चे जूविनाइल इडियोपेथिक अर्थराइटिस नामक गठिया वाह की इस बीमारी से अधिक प्रभावित होते हैं।

ये भी पढ़ें-
गठिया होने का कारण?
गठिया hindi– शरीर में गठिया रोग होने के कई कारण उत्तरदाई होते हैं। गठिया रोग होने में इन महत्वपूर्ण कारणों की व्याख्या विस्तार से सरल शब्दों में इस ब्लॉग पोस्ट के माध्यम से आगे की गई है।
पुरानी चोट के कारण
थाई बोन या शीन बोन ( घुटने के नीचे पैर की हड्डी) को जोड़ने वाले लिंगामेंट एवं कोशिकाओं में चोट लगने से गठिया होने की संभावना प्रबल हो जाती है। इसके अलावा इन दोनों हड्डियों को जोड़ने वाले कार्टेज में चोट लगने से तथा शिन बोन फ्रैक्चर हो जाने से भी गठिया बाई के होने की संभावना बन जाती है।
विटामिन सी की कमी के कारण
हड्डियों को मजबूत बनाने में विटामिन सी की अहम भूमिका रहती है। शरीर में विटामिन सी की कमी हो जाने के कारण हड्डियां धीरे-धीरे कमजोर होने लगती हैं जिसके कारण हड्डियों के जोड़ों पर दबाव पढ़ने से जोड़ों की हड्डियां कमजोर होकर धीरे-धीरे घिसने लगती हैं तथा आगे चलकर गठिया बाई के रोग का कारण बनती हैं।
गठिया होने के आनुवांशिक कारण
गठिया होने में अनुवांशिक कारण भी काफी हद तक जिम्मेदार होते हैं। जिन व्यक्तियों के पूर्वज पूर्व में गठिया रोग से पीड़ित थे उनकी आने वाली नस्लों में भी गठिया रोग होने की संभावना अत्यधिक बलवान रहती है। यह चक्र नस्ल दर नस्ल चलता रहता है इसीलिए गठिया होने में अनुवांशिक कारण महती भूमिका निभाते हैं।
शरीर का वजन बढ़ जाने के कारण
शरीर के वजन का जरूरत से ज्यादा हो जाना भी गठिया होने के प्रमुख कारणों में से एक कारण है। क्योंकि वजन के ज्यादा होने से घुटनों के जोड़ों पर अधिक प्रेशर पड़ता है। जिसके फलस्वरूप घुटनों की हड्डियां तेजी से घिसने लगती हैं हड्डियों के घिस जाने पर गठिया रोग होने की संभावना प्रबल हो जाती है।
गठिया के लक्षण:gathiya bai symptoms in hindi
गठिया ke lakshan in hindi– गठिया रोग शरीर को अपनी चपेट में लेने से पहले कई तरह के संकेत देता है। इन संकेतों को पहचान कर आप गठिया रूपी समस्या के गंभीर अवस्था में पहुंचने से पहले अपना उचित इलाज करा कर इस गंभीर समस्या से बच सकते हैं। गठिया के कई लक्षणों को आगे विस्तार से बताया जा रहा है जो इस प्रकार से हैं-
- गुठनों में अचानक दर्द का होना– चलने फिरने या बैठने उठने से अगर हड्डियों के जोड़ों में अचानक तेज दर्द शुरू हो जाए तो हमें समझ लेना चाहिए कि यह दर्द गठिया बाई के संकेत हो सकते हैं
- गुठनों में अकड़न एवं तकलीफ– गठिया बाई से प्रभावित होने पर घुटनों में अकड़न एवं तेज तकलीफ महसूस होने लगती है इसके अलावा हड्डियों के जोड़ों के मूवमेंट में दिक्कतें आ जाती हैं शुरुआत में दर्द थोड़ा कम या ज्यादा हो सकता है
- घुटनों से आवाज का आना– घुटने के जोड़ों में मूवमेंट करते समय यदि कट कट की आवाज आने लगे तब हमें समझ जाना चाहिए किए गठिया (gathiya) के शुरुआती लक्षण हैं
- गुठनों में सूजन का होना– घुटनों में यदि किसी टेंपरेरी चोट की वजह से सूजन आ गई है तो चिंता की बात नहीं है लेकिन अगर बगैर किसी वजह के अचानक सूजन आ गई है तो सचेत हो जाना चाहिए ये संकेत गठिया बाई (gathiya rog) के शुरुआती लक्षण हो सकते हैं।
गठिया का इलाज
गठिया का इलाज in hindi– वैसे तो गठिया के बहुत सारे आधुनिक, आयुर्वेदिक वा एलोपैथिक इलाज उपलब्ध हैं लेकिन इनमें से केवल व्यायाम और फिजियोथेरेपी को ही सबसे बेहतरीन इलाज के रूप में देखा जाता है। बाकी के अन्य इलाज केवल गठिया me dard को कम कर सकते हैं। रोग को जड़ से खत्म करने की छमता इनके अंदर नहीं होती है। कुछ बेहतरीन योगासन एवं व्यायाम से गठिया की समस्या से पूरी तरह से निजात पाया जा सकता है। लेकिन अगर व्यायाम व योगासन से समस्या का निदान नहीं होता है तब हमें घुटनों का प्रत्यारोपण करा लेना चाहिए क्योंकि घुटनों के प्रत्यारोपण के बाद जोड़ों का दर्द पूरी तरह से समाप्त हो जाता है।
जो लोग किसी तरह का मरहम या लेप का इस्तेमाल करते हैं उन्हें यह बात अच्छी तरह से समझ लेना चाहिए कि उनके द्वारा आजमाए जा रहे ये उपाय केवल क्षणिक लाभ ही दे सकते हैं रोग को जड़ से खत्म करने की क्षमता किसी तरह के मरहम व लेप में नहीं है।समय से गठिया बाई का इलाज न करने पर जोडों को कवर करने वाला कार्टिलेज फट सकता है जिससे हमारे पैर हमेशा के लिए तिरछे हो सकते हैं।
गठिया रोग में क्या खाएं क्या नहीं खाएं?
गठिया me kya khaye-गठिया बाई में कई तरह के भोजन का इस्तेमाल इस रोग के प्रभाव को कम करने एवं बढ़ाने में मदद करते हैं। इसलिए गठिया बाई से ग्रसित रोगियों को अपने खानपान पर उचित ध्यान देना चाहिए। रोग के प्रभाव को कम करने व बढ़ाने वाले कुछ भोज पदार्थों के नाम इस प्रकार हैं-
क्या खाएं–
- विटामिन सी से परिपूर्ण फलो जैसे कि संतरा, मुसम्मी अमरूद,नाशपाती, कीवी, नींबू आदि का इस्तेमाल अधिक करना चाहिए
- सेब के अंदर टैनिक नाम का विशेष फेनोलिक यौगिक प्रचुर मात्रा में पाया जाता है जो गठिया के रोग में लाभदायक होता है। इसलिए गठिया रोग से ग्रसित रोगियों को प्रतिदिन सेब का सेवन करना चाहिए।
- शरीर को हाइड्रेट रखने के लिए दिन में कम से कम 3 लीटर पानी का सेवन अवश्य करना चाहिए क्योंकि शरीर के हाइड्रेट रहने पर गठिया का प्रभाव कम रहता है।
- अदरक, लहसुन, जामुन, हल्दी, पालक,टमाटर आदि को भोजन में इस्तेमाल करते रहना चाहिए। क्योंकि ये गठिया रोग में आराम पहुंचाने में मदद करता है।
- मछली का इस्तेमाल नियमित रूप से भोजन में करने से गठिया की सूजन में आराम मिलता है। क्योंकि मछली के अंदर ओमेगा 3 फैटी एसिड प्रचुर मात्रा में पाया जाता है जो सूजन को कम करने में अहम भूमिका अदा करता है।
क्या नहीं खाएं
- गठिया रोग से ग्रसित रोगियों को बर्फ से बनी किसी भी वस्तु का सेवन खाने के रूप में नहीं करना चाहिए।
- मैदा का इस्तेमाल भोजन के रूप में ना करें क्योंकि मैदा खाने से शरीर में फैट की वृद्धि होती है जो गठिया के लिए अति हानिकारक होता है।
- अल्कोहल का इस्तेमाल गठिया रोग से पीड़ित व्यक्तियों को नहीं करना चाहिए क्योंकि यह हानिकारक होता है।
- खाने के रूप में कैफीन का अधिक इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
- धूम्रपान का सेवन नहीं करना चाहिए।
- तले भुने खाद्य पदार्थों का इस्तेमाल भोजन के रूप में नहीं करना चाहिए नहीं तो गठिया रोग में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
विश्व गठिया दिवस world arthritis day गठिया के विषय मे आमजनमानस को जागरूक करने के लिए 12 अक्टूबर को विश्व गठिया दिवस के रूप में मनाया जाता है

निष्कर्ष
इस ब्लॉग पोस्ट में गठिया का उपचार के विषय में संपूर्ण जानकारी देने का प्रयास किया गया है। इस पोस्ट में आप लोगों ने गठिया ka arth,गठिया ka ilaj,गठिया में व्यायाम,गठिया व जोड़ों का दर्द,गठिया kya hai इस के कितने रूप हैं किन कारणों की वजह से गठिया बाई होता है इसका इलाज कैसे किया जाए एवं गठिया रोग से ग्रसित रोगियों को किस तरीके का खानपान अपनाना चाहिए जैसे विषयों की जानकारी सरल शब्दों में प्राप्त की है। फिर भी यदि किसी प्रकार की जानकारी का उल्लेख पोस्ट में नहीं किया जा सका है तो कृपया कमेंट बॉक्स में हमें बताने की कृपा करें ताकि हम पोस्ट को संशोधित करके और ज्यादा लोगों की जानकारी लायक बना सकें।
नोट- पोस्ट में बताई गई जानकारियां मात्र शिक्षा के परिपथ से हैं किसी भी तरह की दवा या परहेज लेने से पहले किसी अच्छे डॉक्टर से सलाह अवश्य ले लें।
3 thoughts on “arthritis in hindi:गठिया के कारण लक्षण उपचार”