Hemant soren biography in hindi/ हेमंत सोरेन की पूरी जानकारी

भारतीय राजनीति में आजादी से लेकर आज तक बहुत से ऐसे राजनेता गुजरे हैं। या अभी राजनीति कर रहे हैं। जिन्हें भारतीय राजनीति पर बहुत ही गहरी छाप छोड़ी है ।जिनमें से हेमंत सोरेन भी एक हैं। यह भारतीय इतिहास के कम उम्र के मुख्य मंत्रियों में से एक हैं। जिन्होंने अभी-अभी हुए 2019 के झारखंड के चुनाव में अकेले अपने दम पर 81 सीटों पर अपनी पार्टी को विजय श्री दिला कर झारखंड मुक्ति मोर्चा J M M पार्टी को राज्य की सबसे बड़ी पार्टी होने का गौरव दिलाया है। और पुनः झारखंड के मुख्यमंत्री का पद ग्रहण किया है।इस पोस्ट के मध्यम से हम हेमंत सोरेन की पूरी जानकारी(निजी एवं राजनैतिक)देने का प्रयास करंगे।

हेमंत सोरेन की जीवनी

  • नाम- हेमंत सोरेन
  • जन्म- 10 अगस्त 1957
  • जन्मस्थान- नेमरा जिला रामगढ़
  • उम्र-
  • पेशा- राजनीति
  • पार्टी- झारखंड मुक्ति मोर्चा (J M M)
  • धर्म- हिन्दू
  • कैटेगरी- अनुसूचित जनजाति (S T)
  • पसन्द- कहना बनाना,बैटमिंटन खेलना
  • शिक्षा- अधूरी इंजीनियरिंग

हेमंत सोरेन की पारिवारिक स्थिति

  • पिता- शीबू सोरेन
  • माता- रूपी सोरेन
  • भाई- 1 दुर्गा सोरेन 2बसन्त सोरेन
  • बहन- अंजली सोरेन
  • पत्नी- कल्पना सोरेन
  • पुत्र-
  • पुत्री-
हेमंत सोरेन की पूरी जानकारी फैमली फोटो

कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव का जीवन परिचय

हेमंत सोरेन का प्रारंभिक जीवन

8 अगस्त 1975 को रामगढ़ जिला के नेमरा गांव में निवास करने वाले भारतीय राजनीति के कद्दावर नेता एवं “झारखंड अलग राज्य बनाओ” आंदोलन के अगुआ नेता श्री शिबू सोरेन के घर पर हेमंत सोरेन का जन्म हुआ था। हेमंत सोरेन ने अपनी प्रारंभिक पढ़ाई ने नेमरा गांव के एम जी हाई स्कूल से पूरी की तथा। इसी स्कूल से 1990 में इन्होंने मैट्रिक की परीक्षा पास की थी। शुरू से ही हेमंत जी को इंजीनियरिंग में रुचि थी ।इसीलिए आगे की अपनी पढ़ाई को पूरा करने के लिए वह रांची चले गए। और बी आई टी मैकेनिकल इंजीनियरिंग कॉलेज में एडमिशन ले कर यह अपनी आगे की पढ़ाई को पूरा करने में जुट गए। किंतु आगे चलकर इनके जीवन में कोई बड़ी घटना घटी जिसकी जानकारी हेमंत सोरेन के करीबियों के अलावा किसी के पास नहीं है उसी घटना के कारण हेमंत जी ने अपनी पढ़ाई को अधूरी छोड़ दी। एवं अपने गृह नगर नेमरा में वापस लौट आए। छात्र जीवन में हेमंत जी को एक कुशाग्र बुद्धि का विद्यार्थी माना जाता था। कहते हैं कि हेमंत जी काफी खुशमिजाज और बिंदास किस्म के आदमी हैं। वह रांची की सड़कों पर साइकिल से मस्ती किया करते थे।हेमन्त जी किसी से अपना परिचय अपने पिता कद्दावर नेता शिबू सोरेन के नाम से नहीं करवाते थे। हेमंत जी सदा सादा जीवन जीने पर विश्वास करते हैं ।जिसकी तस्वीर आज वर्तमान समय में भी देखने को मिलती है।

हेमंत सोरेन का राजनीतिक जीवन

बीसवीं सदी के आते-आते हेमंत सोरेन के पिताजी शिबू सोरेन का कद भारत की राजनीति में काफी बड़ा हो चुका था। उन्होंने अपनी अलग पार्टी “झारखंड मुक्ति मोर्चा “जे एम एम बना ली थी। अपने पिता की पार्टी जे एम एम से सन 2005 में हेमंत सोरेन ने दुमका विधानसभा सीट से विधानसभा सदस्य (विधायक) पद के लिए चुनाव में उतरे। किंतु जे एम एम के ही बागी प्रत्याशी से चुनाव हार गए। सन 2009 में हेमंत के बड़े भाई दुर्गा सोरेन ‘जिनको शिबू सोरेन का उत्तराधिकारी माना जाता था’ की आकस्मिक मौत हो जाने पर हेमंत सोरेन को पार्टी में आगे आना पड़ा जिसके कारण पार्टी में उनकी सक्रियता काफी बढ़ गई जिसके फलस्वरूप 24 जून 2009 में हेमंत सोरेन को राज्यसभा के लिए चुन लिया गया इसी के साथ 23 सितंबर 2009 को इन्होंने विधायक का पद भी ग्रहण कर लिया।

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पिता के साथ

उप मुख्यमंत्री बने हेमंत सोरेन

11 सितंबर 2010 को झारखंड मुक्ति मोर्चा भाजपा एवं अन्य दलों के गठबंधन की झारखंड में सरकार बनी। जिसमें हेमंत सोरेन जी ने डिप्टी सीएम के पद की शपथ ली थी। डिप्टी सीएम पद की जिम्मेदारी हेमंत सोरेन जी ने 8 जनवरी 2000 तक बखूबी निभाई ।डिप्टी सीएम पद से हटने के बाद हेमंत जी ने दूरदर्शी सोच के चलते दिल्ली जाकर कांग्रेसी एवं अन्य दलों के शीर्ष नेताओं से सार्थक बातचीत की एवं एक नए मोर्चे का गठन किया। स्वंय अपने नेतृत्व में सरकार गठन करने का मार्ग प्रशस्त किया।

हेमंत सोरेन बने झारखंड के पांचवें मुख्यमंत्री

सन 2013 में डिप्टी सीएम पद जाने के बाद कांग्रेसी एवं अन्य दलों ने उन्हें अपना विधायक दल का नेता चुन लिया। जिसके फलस्वरूप 13 जुलाई 2013 को हेमंत सोरेन ने 38 वर्ष की आयु में झारखंड के पांचवें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण किया ।वे झारखंड के इतिहास में अब तक के सबसे युवा मुख्यमंत्री थे ।आंतरिक सामंजस्य ना बन पाने के कारण सन 2014 में सरकार गिर गई और उन्हें व उनकी पार्टी को एक बार फिर से झारखंड की जनता के सामने जाना पड़ा। इस चुनाव में वह दुमका एवं बरहट से चुनाव लड़े ।जिसमें बेरहत से वह एक बार फिर से विधायक निर्वाचित हुए। इस चुनाव में बीजेपी ने पूर्ण बहुमत से अपनी सरकार बनाई।

नेता प्रतिपक्ष पद पर हेमंत सोरेन की ताजपोशी

8 जनवरी 2015 में हेमंत सोरेन को उनकी पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा जो कि उस समय राज्य की दूसरी सबसे बड़ी पार्टी थी ने नेता विरोधी दल (नेता प्रतिपक्ष )बना दिया।नेता प्रतिपक्ष बनने के बाद हेमंत सोरेन ने जमीन पर उतर कर जनता के बीच में काम किया एवं ऐसे तमाम कानूनों एवं योजनाओं का विरोध किया जिसके कारण झारखंड के आदिवासी समाज एवं अन्य वर्गों का अहित हो रहा था। 2014 से 2019 तक लगातार अपनी पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा को मजबूत बनाते रहे ।जिसके कारण झारखंड मुक्ति मोर्चा का केडर बूथ लेवल पर पहले की तुलना में अत्यधिक मजबूत हो गया एवं झारखंड मुक्ति मोर्चा पार्टी के कार्यकर्ताओं में जोश आ गया ।यह सब हेमंत सोरेन के मिलनसार स्वभाव एवं कार्यकर्ताओं को सम्मान देने के कारण संभव हो पाया था। इन सभी सुधारों एवं कार्यों के साथ 2019 के चुनाव में जनता के बीच गए। जनता ने उन्हें इस चुनाव में अपना आशीर्वाद जमकर दिया इसके कारण झारखंड मुक्ति मोर्चा प्रदेश की सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी एवं 81 सीटों पर पार्टी के प्रत्याशियों को विजयश्री प्राप्त हुई।

हेमंत सोरेन फिर बने मुख्यमंत्री

2019 के चुनाव में मिली सफलता के बाद राज्य में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी झारखंड मुक्ति मोर्चा ने हेमंत सोरेन को विधायक दल का नेता चुन लिया। इसके फलस्वरूप 29 दिसंबर 2019 को हेमंत सोरेन ने झारखंड राज्य के 11 वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण किया। शपथ लेने के उपरांत सोरेन राज्य की जनता से किए हुए वादों को पूरा करने के लिए प्रयासरत हैं। सोरेन के द्वारा किए गए प्रयासों के कारण झारखंड में आदिवासी समाज शिक्षा स्वास्थ्य एवं आर्थिक उन्नति के मार्ग पर आगे बढ़ रहा है।

विवादों में फंसे हेमंत सोरेन

अपने राजनीतिक जीवन में हेमंत सोरेन का नाम कई बार विवादों में भी आया। जिसके कारण वह मीडिया की सुर्खियों में बने रहे। उन पर राज्य के प्राकृतिक संसाधनों का गलत आवंटन करने का आरोप विरोधी पार्टियां लगाया करती हैं। लेकिन कुछ हाई प्रोफाइल मामलों में भी उनके नाम को घसीटा गया ।एक ताजा घटनाक्रम के अनुसार हेमंत सरकार पर प्रश्न चिन्ह लगता हुआ दिख रहा है। उन पर लगे कुछ गंभीर आरोप इस प्रकार से हैं।

हेमंत सोरेन पर लगा बलात्कार का आरोप

महाराष्ट्र की मुंबई पुलिस से फिल्म इंडस्ट्री की स्ट्रगलर रही एक लड़की ने शिकायत किया और आरोप लगाया कि। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मुंबई के फाइव स्टार होटल में अपने एक साथी के साथ मेरा बलात्कार किया है। एवं बताने पर जान से मारने की धमकी दी है। यह शिकायत घटना के 45 दिनों के बाद 5 सितंबर 2013 को की गई थी। तथा शिकायत के नौवें दिन ही शिकायत को वापस भी ले लिया गया था। तब से मामला शांत चल रहा था पर 8 सितंबर 2020 को सोशल मीडिया के जरिए देश के लोगों एवं महाराष्ट्र पुलिस से शिकायतकर्ता ने अपील की है। कि पुराने मामले को फिर से शुरू किया जाए। जिसका मुंबई पुलिस DC ZON 9 अभिषेक तिर्मुखे ने मेल से शिकायत मिलने की पुष्टि की है। और जांच करने का आश्वासन दिया है। इस मामले में महिला आयोग ने भी महाराष्ट्र के डीजीपी को नोटिस जारी किया था।

विवाद में फंसी हेमंत सोरेन की सरकार

10 फरवरी 2022 को झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास की अगुवाई में बीजेपी का एक प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल रमेश बैस से मिलता है। और मुख्यमंत्री पर पत्थर खनन पट्टा में गलत आवंटन की शिकायत करता है। उक्त शिकायत को राज्यपाल ने चुनाव आयोग के पास अग्रिम कार्यवाही के लिए भेज दिया था। जिस पर जांच करके चुनाव आयोग ने राज्यपाल से हेमंत सोरेन की विधानसभा की सदस्यता को रद्द करने की सिफारिश की है। एवं चुनाव लड़ने की योग्यता पर फैसला राज्यपाल के ऊपर छोड़ दिया है। जिसके कारण हेमंत सरकार पर इस समय खतरा मंडरा रहा है।

इस पोस्ट के माध्यम से आप लोगों ने झारखंड के वर्तमान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पूरी जानकारी को सरल शब्दों में प्राप्त किया है।हेमंत सोरेन के जीवन का कोई तथ्य अगर मुझसे छूट गया हो तो कृपया कमेंट बॉक्स में संदेश छोड़कर हमें अवगत कराने की कृपा करें। ताकि आप लोगों को और अधिक गुणवत्तापूर्ण जानकारी से रूबरू कराता रहूँ।

2 thoughts on “Hemant soren biography in hindi/ हेमंत सोरेन की पूरी जानकारी”

Leave a Comment

%d bloggers like this: